सकारात्मक कार्यो में सदैव संलग्न युवाओं की संस्था ने नववर्ष पर फिर एक मिसाल पेश किया,जर्जर भवन का किया जीर्णोद्धार

सकारात्मक कार्यो में सदैव संलग्न युवाओं की संस्था ने नववर्ष पर फिर एक मिसाल पेश किया।

मुंगेली/जहाँ लोग नववर्ष पर सैर सपाटे करने, पिकनिक मनाने या फिर पार्टी करने में व्यस्त रहते हैं वही मुंगेली से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम बांकी के युवाओं ने अनूठी मिसाल पेश की है। सदैव पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय युवाओं की टोली ने नये साल को सार्थक और रचनात्मक बनाने के उद्देश्य से मुंगेली पंडरिया मार्ग में स्थित यात्री प्रतीक्षालय का मरम्मत और रंगरोगन कर उस जर्जर हो चुके शासकीय भवन की तस्वीर ही बदल दी। एक ओर जहाँ कई जगहों पर सरकारी भवनों को उपद्रवियों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है वही इन युवाओं ने इस सार्थक पहल के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का प्रयास किया है। इस पहल के उद्देश्य को बताते हुवे होल्हाबाग नवयुवा समिति के संस्थापक रामपाल सिंह ने कहा कि हम बोल चाल की भाषा में सदैव सरकारी संपत्ति अपनी संपत्ति कहते तो है पर उसका जतन वैसा नही करते जैसा हम सबको करना चाहिए जबकि शासन के द्वारा आम लोगों की सुविधाओं के लिए ही इन भवनों का निर्माण किया जाता है इस बात को लोगों तक पहुचाने के उद्देश्य से ही नववर्ष पर हमारी संस्था द्वारा शासकीय भवन का संरक्षण कर अन्य लोगों को भी प्रेरित करने का प्रयास किया गया है। इस अवसर पर होल्हाबाग नवयुवा समिति के नागेश साहू और पवन निर्मलकर ने कहा कि हमारी संस्था का उद्देश्य सदैव रचनात्मक कार्यों के माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ना रहा है ताकि आने वाले कल के युवा इन अच्छी आदतों को सिख स्वर्णिम भारत के निर्माण में सहयोगी साबित हो सके।

आज के श्रमदान में होल्हाबाग नवयुवा समिति के संस्थापक रामपाल सिंह, संयोजक हरिओम सिंह, सचिव नागेश साहू, पर्यावरण प्रभारी पवन निर्मलकर, मयंक केवर्त, भूपेंद्र निर्मलकर, विकास सिंह, रिकेश पूरी, अंशुल पूरी, सनत साहू, योगेंद्र साहू, गोपाल यादव, रिंकू यादव, रमाकांत निषाद, बबलू साहू, लोकेश श्रीवास, चिंता साहू, अमित गिरी, यशवंत साहू, संजय यादव, रंजीत पूरी, सुमित पूरी, निरंजन साहू, विक्कू पूरी, सागर गोस्वामी, सोम यादव, मुकेश श्रीवास, राघवेंद्र निर्मलकर, बुधराम यादव, मुक्कू निर्मलकर सहित संस्था के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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रवि शुक्ला / संपादक
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