STATE TODAY|नगर में बड़े धूमधाम से हनुमानजी का अवतरण दिवस मनाया गया
मुंगेली,पथरिया/बचपन में सूर्य को फल समझकर खा जाने वाले महाबली हनुमान का अवतार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था। बड़े-बड़े पर्वत उठाने वाले, समुद्र लांघ जाने वाले, स्वयं ईश्वर का कार्य संवारने वाले संकटमोचन का अवतरण दिवस पर्व विश्वभर में हनुमत भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन विधि विधान से बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमानजी के पथ पर चलने वालों को कोई भी संकट नहीं मिलता है। हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। वही इस शुभ अवसर पर पथरिया में भी दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में नवयुवा सेवा समिति के साथ समस्त ग्राम वासी व्यापारी ने मिल कर बड़े हर्षोल्लास के साथ हनुमानजी का अवतरण दिवस पर सुबह 9 बजे से बेदी पूजा पंचाग पूजा के साथ पूरे विधि विधान के साथ पूजन किया गया पूजन समाप्ति पर दोपहर 3 बजेसे महाभोग प्रसाद भंडारे का वितरण किया गया।
राम दरबार की झांकी के साथ नगर में शोभायात्रा निकाली गई
राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी की जीवन्त झांकी को रथ में बिठा, धुमाल बाजे गाजे के साथ नगर भ्रमण कराया गया। वही शोभायात्रा को मन्दिर के पुजारी ने आरती कर आगे बढ़ाया वही इस अवसर पर नवयुवा समिति के सदस्य राम हनुमानजी के भक्त व्यापारीगण, ग्राम वासी के साथ नगर के सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में रैली को आगे बढ़ाया गया। जिसकी जगह जगह आरती कि गई । इस दौरान पूरे गांव के लोग भक्तिभाव में झूम नाचते गाते दिखे। वही राम दरबार की झांकी प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही
जगह जगह हुआ राम दरबार की झाँकी का स्वागत
नगर में जहां हनुमान जन्मोत्सव को लेकर उत्साह पूरे नगर वासियों में देखी गई वही शोभायात्रा के स्वागत में सभी धर्मों के लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। और सरबत बांटा गया जिससे आपसी धार्मिक भाई चारे की भावना प्रदर्षित हुई पूरे कार्यक्रम में धार्मिक सौहार्द्र देखी गई।
हनुमान जयंती का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जयंती के अवसर पर विधि विधान से बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, लेकिन ध्यान रहे हनुमान जी की पूजा करते समय राम दरबार का पूजन अवश्य करें। क्योंकि माना जाता है कि राम जी की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी रहती है।