छत्तीसगढ़राष्ट्रीय

STATE TODAY|हाईकमान ने निर्देश पर शपथ ली थी,जिस दिन वे कहेंगे कि आपको नहीं रहना है,उस दिन दूसरा बन जाएगा:भूपेश बघेल

संजू जैन
रायपुर(नई दिल्ली): छत्तीसगढ़ का सियासी पारा फिर चढ़ सकता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की है. सीएम ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया से भी मुलाकात की है. ढाई-ढाई साल के सीएम के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि ‘ये प्रश्न मेरे स्तर का नहीं है, हाईकमान से पूछिए. हाईकमान ने मुझे जिम्मेदारी दी है. बनाने और हटाने का काम हाईकमान का है, सीएम का नहीं.’

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ढाई-ढाई साल के सीएम के फॉर्मूला को मीडिया के साथी हवा देते रहे. हाईकमान ने निर्देश दिया कि शपथ लेनी है, हमने शपथ ले ली. जिस दिन वे कहेंगे कि आपको नहीं रहना है, उस दिन दूसरा बन जाएगा. ये सारी बातें वहां होती हैं, जहां गठबंधन की सरकार हो. लेकिन यहां तीन-चौथाई बहुमत है. यहां किससे समझौता होगा ?

पिछले कुछ दिनों से सिंहदेव-भूपेश का दिल्ली में डेरा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने शिमला गए थे. वे शनिवार रात दिल्ली पहुंचे. रविवार सुबह सोनिया गांधी, पीएल पुनिया और के सी वेणुगोपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे. जहां उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो पाई. वे प्रियंका गांधी से मिले. कुछ दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी दिल्ली में थे और वहीं से वे भी शिमला गए थे. सिंहदेव ने भी इस मामले में सब कुछ हाईकमान पर छोड़ देते हैं.

ढाई साल से चर्चा में है ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का फॉर्मूला

छत्तीसगढ़ की सियासत में बीते ढाई साल से सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला विषय था कांग्रेस के ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का फॉर्मूला. अक्सर ये बात विपक्ष या मीडिया के जरिए सामने आती रही कि छत्तीसगढ़ में ढाई साल में मुख्यमंत्री बदल जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहंदेव को कांग्रेस आलाकमान छत्तीसगढ़ की कमान दे सकती है. इसे लेकर अटकलें लगती रहीं. विपक्ष बयानबाजी करता रहा. सरकार के प्रवक्ता बयानों पर पलटवार करते रहे. सीएम भूपेश बघेल ने पहले कहा था कि उन्हें फॉर्मूले के बारे में ही जानकारी नहीं है. इन सबके बीच अंबिकापुर विधायक सिंहदेव ने कभी हंसकर जवाब दिया तो कभी हाईकमान पर छोड़ कर टाल गए.

इस कथित फॉर्मूले ने कब और कैसे लिया जन्म ?

2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बढ़त मिली, 15 साल से सत्ता पर काबिज रमन सरकार का सूपड़ा साफ हो गया था. कांग्रेस ने ये चुनाव तत्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव की अगुवाई में लड़ा था. इस जीत के बाद पार्टी आलाकमान के सामने सत्ता सौंपने की चुनौती खड़ी हो गई थी. पार्टी के 4 बड़े नेता भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू को दिल्ली बुलाया गया.

पूरे प्रदेश को चुनाव नतीजे आने के बाद अपने अगले मुख्यमंत्री के नाम का इंतजार था, जहां छत्तीसगढ़ से बड़े राज्य मध्यप्रदेश और राजस्थान में पार्टी आलाकमान को कोई खास दिक्कत नहीं आई वहीं छत्तीसगढ़ को लेकर कई दिनों तक माथापच्ची चलती रही. कई नामों में विचार करते हुए आखिरकार भूपेश बघेल के नाम पर मुहर लगा दी गई. इसी दौरान ही ये बात निकल पड़ी थी कि आलाकमान ने ढाई-ढाई साल भूपेश और टीएस सिंहदेव को सत्ता सौंपने का फॉर्मूला निकाला है. कुछ मौकों पर सिंहदेव ने इशारों इशारों में जो कहा उससे इस ढाई साल वाले सियासी सूत्र को हवा भी मिली लेकिन किसी बड़े नेता ने इस पर कभी भी खुलकर कोई बयान नहीं दिया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button