छत्तीसगढ़

STATE TODAY|टीन की छत,ईंटे झांकती दीवारें और टाट पर पढ़ाई…2 बार इंटरव्यू में फेल हुए अभिषेक ऐसे बने थे IAS…अब जम्मू पहुंचकर ऐसे पूरा करेंगे SDM दफ्तर में क्लर्क मां का सपना पूरा…

रायपुर/ IAS अभिषेक शर्मा का अपनी जमीं पर सेवा करने का ख्वाब जल्द पूरा होने वाला है। केंद्र सरकार ने उन्हें तीन साल के लिए होम स्टेट में जाने की इजाजत दे दी है। 2018 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के अफसर अभी कोरबा में सहायक कलेक्टर हैं। मूलरूप से जम्मू-कश्मीर के किश्तवार के रहने वाले अभिषेक की IAS बनने की कहानी जमीन से सितारों गिन लेने जैसा ही है।

दो बार UPSC की मेंस परीक्षा पास करने के बावजूद अभिषेक ने ना तो हौसला खोया और ना ही हार मानी,तीसरे प्रयास में उन्होंने ना सिर्फ इंटरव्यू क्लियर किया,बल्कि ऑल इंडिया रैंकिंग में 69वीं रैंक भी हासिल की। यूं तो उनकी चाहत होम कैडर की थी, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला। इसी बीच जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर जाने का IAS अफसरों को वन टाइम ऑफर दिया,तो उन्होंने इस मौके को चुना और फिर केंद्र सरकार ने उन्हें अपने होम स्टेट में जाने की इजाजत दे दी।

मां थी क्लर्क,सरकारी स्कूल में हुई पढ़ाई

अभिषेक शर्मा का बचपन गांव में ही गुजरा। पढ़ाई गांव के ही सामान्य से सरकारी स्कूल में हुई,जिसकी दीवारों के प्लास्टर झड़ गये थे,ईंटे झांकती रही थी, छत पर टीन थी,जो बारिश में टपकती रहती थी। जमीन पर बैठक स्कूलिंग करने वाले अभिषेक शर्मा की मां SDM दफ्तर में क्लर्क थी। अभिषेक के मन में IAS बनने की चाहत इसी दफ्तर में आकर पनपी।

10वीं-12वीं में 90 परसेंट से ऊपर थे मार्क्स
अभिषेक शर्मा की पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई। पढ़ने में बेहत तेज अभिषेक ने 10वीं 90.2 और 12वीं में 93.3 परसेंट मार्क्स लाये थे। इस दौरान उन्होंने AIEEE , गेट, एसएसबी जैसी कई परीक्षाएं पास की, लेकिन उनकी तमन्ना आईएएस बनने की थी। 2014 में ग्रेजुएट हुए अभिषेक शर्मा ने दिल्ली में कुछ दिन के लिए कोचिंग ज्वाइन की, लेकिन फिर बीच में हो कोचिंग छोड़कर गांव लौट आये। उन्होंने गांव में ही तैयारियां शुरू की, लेकिन घरवालों उनका ये फैसला समझ नहीं आया। इसी बीच बर्फवारी की वजह से उनके गांव का रास्ता बंद हो गया, बिजली भी 40 दिन गुल रही। ऐसे में वो पूरी देश-दुनिया से कट गये। अखबार भी घर नहीं आ पाया। इस बार वो यूपीएससी में मेंस तक पहुंचे, लेकिन इंटरव्यू पास नहीं कर पाये।

दूसरी बार भी वो मेंस तक पहुंचे, लेकिन इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाये। इस बार वो अपनी भाषा को लेकर चिंतित थे। इंटरव्यू के पहले वो उनमें कांफिडेंस अचानक से खत्म होने लगा। उन्होंने इस बार हिंदी में इंटरव्यू दिया, लेकिन सेलेक्शन नहीं दिया। लेकिन 2017 में अपने तीसरे प्रयास में अभिषेक शर्मा ने आईएएस क्लियर कर लिया।

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