छत्तीसगढ़

STATE TODAY|बड़ी खबर:कोरोना को दी मात,लेकिन जिंदगी की जंग हार गई बल्दी बाई, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को खिलाए थे कंदमूल,जानिए कैसे बनी थी कांग्रेस की पोस्टर लेडी….

गरियाबंद/पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी को कंदमूल खिलाने वाली बल्दी बाई की मौत कोरोना से हो गई। वे 92 साल की थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें मेकाहरा अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने कोरोना को मात देकर अपने घर लौटी थी। बल्दी बाई को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से जाना जाता है। 80 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी को कंदमूल खिलाने के बाद वह चर्चा में आई थीं। पूर्व प्रधानमंत्री उनके गांव में घर पर मिलने के लिए गए थे।

बल्दी बाई के पोते धनशाय सोरी ने की मौत की पुष्टि

मैनपुर विकासखंड के ग्राम कुल्हाड़ीघाट की रहने वाली बल्दी बाई के पोते धनशाय सोरी ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि रात का भोजन करने के बाद दवा लेकर सोई थी। आज सुबह जब उठे तो उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। शरीर शांत हो गया था।

10 दिन में कोरोना को मात देकर लौटी थीं घर

आपको बता दें बल्दी बाई की तबीयत बिगड़ने पर 25 अप्रैल को उनका एंटीजन टेस्ट किया गया था। इसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उनमें सामान्य सर्दी-बुखार के लक्षण थे। जानकारी मिलने पर प्रशासन ने उन्हें रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया था। उनकी तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बेहतर उपचार के निर्देश दिए थे। इसके बाद बुधवार को वह ठीक हो गई थीं।

CMHO ने बताया- हालत ठीक थी,मेडिकल चेकअप भी किया जा रहा था

CMHO डॉ. एन आर नवरत्न ने बताया कि मेकाहारा रायपुर में उनका कोविड-19 उपचार चल रहा था। रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद उन्हें बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। गरियाबंद जिला चिकित्सालय में भी उनका प्राथमिक चेकअप किया गया था। घर पहुंचने पर भी टीम ने उनकी जांच की थी। उनकी स्थिति सामान्य थी। सुबह करीब 8 बजे उनकी तबीयत खराब हुई और कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई।

कांग्रेस की पोस्टर लेडी हैं बल्दी बाई,पूर्व प्रधानमंत्री पहुंचे थे घर

बल्दी बाई कांग्रेस की पोस्टर लेडी हैं। उनके घर साल 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ पहुंचे थे। उन्होंने स्व राजीव गांधी को कंदमूल भी खिलाए। पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने उनके गांव को गोद लिया था। आदिवासी समुदाय से आने वाली बल्दी बाई जिला मुख्यालय गरियाबंद से 75 किमी दूर स्थित गांव कुल्हाड़ी घाट में रहती थीं। 2 महीने पहले PCC चीफ मोहन मरकाम भी उनके घर पहुंचे थे।

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