STATE TODAY|स्वामी आत्मानंद स्कूल की 7 वीं कक्षा की छात्रा की करंट से मौत,स्कूल में एक दिन शोक मना दी गई छुट्टी मगर दूसरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ संपन्न,छात्रा की मौत को भुलाते हुए स्कूल में खुशियां मना रहा स्कूल प्रबंधन…नेताओं और स्कूल प्रबंधन में संवेदना का अभाव…?
मुंगेली/ मुंगेली के दाऊपारा हीरालाल वार्ड के निवासी शुक्ला/दुबे परिवार की 12 वर्षीय बच्ची की करंट लगने से मौत हो गई,यह बच्ची दाऊपारा स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में कक्षा 7 वीं की छात्रा थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बच्ची के घर के पास गणपति का पंडाल था जिस पर शाम की तैयारियों को लेकर समिति के सदस्य कुछ कुछ काम कर रहे थे इसी बीच पंडाल में लगे खुले तार में करंट का प्रवाह जारी था, जिसकी चपेट में आने से 12 वर्षीय इस मासूम बच्ची की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। आननफानन में लोगों ने उसे पास के निजी अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। इस घटना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में मातम छा गया और गणेश उत्सव का कार्यक्रम मायूसी और उदासी में बदल गया। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी हैं, जबकि परिजनों द्वारा थाने में सूचना दी जानी थी।
अब सवाल यह उठता हैं कि इस बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन हैं ? पुलिस विभाग द्वारा आयोजित शांति समिति की बैठकों में पंडाल, व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर कई प्रकार की चर्चा होती हैं, पर गणेश रखने वालों द्वारा उसका सही तरीके से पालन नहीं किया जाता, उक्त घटना में मासूम बच्ची की मौत करंट से हुई हैं तो कहीं न कहीं, कोई न कोई ऐसी वजह जरूर होगी जहाँ कुछ लोगों द्वारा लापरवाही बरती गई होगी। उक्त मामले में अभी अपराध दर्ज नहीं हो पाया हैं। पंडालों में विद्युत कनेक्शन में लापरवाही बरतने वालों और चूक करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात लोगों ने की हैं, जिसकी जांच उपरांत कार्यवाही होना बहुत ही आवश्यक हैं।
मासूम छात्रा की मौत के एक दिन बाद स्कूल में हुआ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम…
आपको बता दें कि आत्मानंद स्कूल की 12 वर्ष की छात्रा की करंट से मौत होने के बाद स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रबंधन के स्टाफ द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में मेसेज आया जिसमें लिखा था कि
” अत्यंत दुख के साथ सूचित किया जाता है, कि हमारे विद्यालय में अध्ययनरत कुमारी खुशी शुक्ला जो की कक्षा सातवीं की छात्रा थीं। जिसका आज दिनांक 4 सितंबर 2022 को आकस्मिक निधन हो जाने की वजह से विद्यालय में कल शिक्षक दिवस पर होने वाले सभी कार्यक्रम को निरस्त किया जा रहा है । अतः सभी विद्यार्थी पूर्व की तरह विद्यालय आएंगे।
सभी कक्षा शिक्षक अपने बच्चों को सूचित करें कि कल शोकसभा करने के पश्चात स्कूल की छुट्टी कर दी जाएगी।अतः सभी बच्चे कल सुबह 8 बजे स्कूल में अपनी उपस्थिति देवें।”
इस सूचना के मिलते ही स्कूली बच्चों और अभिभावकों में शोक की लहर फैल गई, दिनांक 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर आत्मानंद स्कूल में कोई कार्यक्रम तो नहीं हुआ परन्तु एक दिन बाद 6 सितंबर को स्कूल प्रबंधन, अधिकारियों और नेताओं की उपस्थिति में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम जरूर हुआ, क्या ये कार्यक्रम 6 सितंबर को ही होना अति आवश्यक था ? या इस कार्यक्रम के बहाने राजनीतिक लोगों को खुश किया गया हैं ? जरा कल्पना कर देखिए कि जिस मां-बाप या परिवार की 12 वर्ष की मासूम बच्ची की मौत हुई हैं उस परिवार पर क्या बीत रही होगी..? ऐसे में आत्मानंद स्कूल द्वारा किये गए इस कार्यक्रम को लेकर मुंगेलीवासियों, स्कूली बच्चों और अभिभावकों में नाराजगी देखी गई और इसके साथ ही तरह-तरह की चर्चाएं भी सुनने को मिली। अभिभावकों ने कहा कि आत्मानंद स्कूल की छात्रा की मौत के एक दिन बाद ही शिक्षक दिवस मनाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की क्या जरूरत थी ? अगर सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवियों द्वारा कविता पाठ ही कराना था तो यह कार्यक्रम कुछ दिनों बाद भी हो सकता था या 6 सितंबर को केवल शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान-पूजा कार्यक्रम कर देना था, सांस्कृतिक और कवियों द्वारा कविता पाठ की आवश्यकता नहीं थी, परंतु विद्यालय प्रबंधन और कार्यक्रम में पहुँचे अधिकारियों और नेताओं ने इस बात को नहीं सोचा। जिससे यह मामला सुर्खियों में बना हुआ हैं।
वहीं इस विषय में नाम नहीं छापने के शर्त में अभिभावकों का कहना है कि जिस तरह से स्कूल में पढ़ने वाली मासूम छात्रा के साथ दर्दनाक दुर्घटना घटी हैं जिसमे उसको अपनी जान गवानी पड़ी, बावजूद इसके स्वामी आत्मानंद स्कूल में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाना कहाँ तक सही था ? वहीं स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल परिसर में होने वाले आयोजनों में अभिभावकों को आमंत्रित तक नही किये जाने को लेकर भी अभिभावकों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि स्कूल प्रबंधन राजनीतिक व्यक्तियों को बुलाकर स्कूल परिसर को अनावश्यक राजनीति का मंच बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं जिसकी अभिभावकों ने निंदा भी की हैं।
परिजनों द्वारा पुलिस को उक्त घटना के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई जिसके चलते मर्ग या अपराध पंजीबद्ध नहीं हो सकता, इस कारण परिजनों को जो आर्थिक सहायता मिलती वह अब शायद ही मिल पाएगी।
उक्त घटना के संबंध में मुंगेली पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधिकारियों को जांच करने निर्देशित किया हैं।