मुंगेली

जिला बनने के 9 साल बाद भी इस महत्वपूर्ण विभाग को अभीतक नही मिला कम्पोजिट बिल्डिंग में जगह,आज भी गांव से संचालित हो रहा है विभाग,जानिए क्या है मामला

मुंगेली/मुंगेली को जिला बने 9 साल बीत चुके हैं, जिला बन जाने के बाद मुंगेली का जिले के अनुरूप सभी विभाग का कार्यालय अब मुंगेली में नजर आता है,इसके साथ ही प्रदेश सरकार के द्वारा करोड़ो रुपयों की लागत से सभी विभाग को एकही छत के नीचे रखने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट के साथ कंपोजिट भवन का निर्माण कराया गया और कलेक्टर,एसपी के साथ सभी प्रमुख विभाग का कार्यालय के लिए जगह उपलब्ध कराया गया इसका उद्देश्य सिर्फ इतना था कि आम जनता अपनी समस्याओं को लेकर जब जिला प्रशासन के पास पहुंचे तो इसके लिए उन्हें ज्यादा परेशानी ना हो सभी विभाग के कार्यालय एक ही जगह होने से आम लोगों का समस्याओं का निराकरण त्वरित हो जाएगा।लेकिन इन सब के बीच भी जिले में एक ऐसा भी विभाग है जो जिला बनने के 9 साल बाद भी आज भी एक गाँव मे ही संचालित हो रहा है, हालांकि ये विभाग महत्वपूर्ण तो है लेकिन जिले के आधे से ज्यादा जनता को इस विभाग का कार्यालय कहा है शायद ही मालूम हो जिला मुख्यालय से भी 5 किमी की दूरी में जिस विभाग का कार्यालय है उस विभाग का नाम है सहायक संचालक मछली पालन विभाग ये वही विभाग है जो मुंगेली जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय में इसका कार्यालय तो खुला लेकिन जिले के एक गांव लिम्हा में चूंकि जिस समय जिला का निर्माण हुआ उस दौरान शासन के आदेश से आनन फानन में सभी विभागों का कार्यालय खोला गया यही वजह है कि जिसे जहां जगह मिली वो विभाग का कार्यालय अस्थायी रूप से वही खोल दिया गया इसके बाद शासन ने करोड़ो की लागत से कलेक्ट्रेट का सयुक्त भवन का निर्माण कराया गया जिसमें लगभग सभी विभागों को कार्यालय खोलने कमरे आबंटित किया गया इस दौरान मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने भी अपने कार्यालय के लिए कमरे आबंटित कराए जाने को लेकर जिले के कलेक्टर से निवेदन किया गया लेकिन उन्हें आज तक कलेक्ट्रेट भवन में कमरा नही मिल पाया है जानकारी के अनुसार सम्बंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा इस विषय को लेकर जिले के कलेक्ट्रेट में विभाग का कार्यालय खोले जाने को लेकर कई सालों से जिले में जितने भी कलेक्टर रहे सभी से विभाग के लिए कमरे आबंटित किये जाने को लेकर लगातार संपर्क में है लेकिन अभीतक सफल नही हो पाए है वही कलेक्ट्रेट के संयुक्त भवन में कमरे क्यो उपलब्ध नही हो पा रहे है इसका ठोस जवाब अभीतक नही मिल पाया है और यही वजह है कि जिले का महत्वपूर्ण विभाग होने के बावजूद आज भी एक छोटे से गांव में इसका कार्यालय बना हुआ है जिसके चलते जिले के अधिकांश लोगों को इस कार्यालय की जानकारी नही है और वें इस विभाग के योजनाओं का लाभ नही उठा पा रहे है,
गौर करने की बात है कि जिले में 26 जनवरी के मुख्य आयोजन में सभी विभागों की झाँकी के साथ इस विभाग की झाँकी भी प्रत्येक वर्ष नजर आती है,लेकिन विभाग का कार्यालय आसानी से नजर नही आता ऐसे में सवाल उठता है कि आम जनता की बेहतरी के लिए शासन के द्वारा सभी विभागों के माध्यम से जो योजना चलायी जाती है और उन योजनाओं के चलते ही प्रदेश की सरकार विकास की नयी गाथा लिखती है इसके लिए जरूरी ये है कि सभी विभागों के बारे में आम जनता को जानकारी हो सके इसके लिए ही कलेक्ट्रेट का सयुक्त भवन का निर्माण कराया गया है वही इस बारे में कलेक्टर पी एस एल्मा ने बताया कि जिस समय सयुक्त कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण हुआ उस समय सभी विभागों में पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर कमरों का वितरण किया गया था भवन में अगर कमरे रिक्त है तो मैं उसे दिखवाता हूँ जिसके बाद उन्हें कमरे दे दिए जाएंगे बहरहाल अब देखना होगा कि इस विषय को लेकर जिला प्रशासन कितना गम्भीर है और क्या आम जनताओं को सभी विभागों के योजनाओं का कितना लाभ दिला पाते है और मछली पालन जैसे महत्वपूर्ण विभाग को गांव से कब मुक्ति मिलते हुए जिला मुख्यालय में कार्यालय कबतक खुल पायेगा ये अब आने वाले समय मे देखने को मिलेगा

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