जितेंद्र पाठक,मुंगेली/लोरमी – कहते है जर, जोरू और जमीन को लेकर आये दिन कही ना कही धटनायें या अपराध होते है रहते है इन तीनों के लिए लोग अपने खुन के रिश्ते को भी मौत के धाट उतार देते है यह कहावत एक बार फिर लोरमी क्षेत्र के ग्राम डिण्डौरी चिल्फी चौकी के अंतर्गत सत्य हुयी, जहाॅ मृतक के नाती और पुत्र के द्वारा धटना को अंजाम दिया गया। चिल्फी पुलिस ने अंधे हत्या की गुत्थी 70 धण्टे में सुलझायी।
धटना 14 जनवरी कि है लोरमी ब्लाॅक के ग्राम डिण्डौरी के कोटवार के द्वारा चिल्फी चौकी प्रभारी सुशील बंछोर को सुचना दिया गया कि भगत यादव बाजारपारा निवासी 70 वर्षीय वृद्ध को किसी अज्ञात लोगो के द्वारा धारदार हथियार से हत्या कर दिया गया है धटना की जानकारी मिलने पर चैकी प्रभारी के इसकी सुचना अपने वरिष्ठ अधिकारीयों को दिया गया। इस दौरान वारदात स्थल पर पुलिस बल के साथ पहुॅची जहाॅ धटना स्थल का निरीक्षण किया गया व धटना की जानकारी लिये वही धटना को लेकर मृतक की पत्नि मथुरा बाई 66 वर्षीय से पुछताछ पर बताई की रात्रि में करीब 9 बजे खाना खाकर कमरे में सो गये थे सुबह जब 5-6 बजे नींद खुली तो धटना की जानकारी होने की बात कही। पुलिस के द्वारा धटना स्थल पर मृतक की शव का पंचनामा करते हुए धटना स्थल का मुआवना किये। पुलिस के द्वारा डाग स्क्वाड की मदद लिया गया लेकिन धटना के दिन बारिश होने के कारण पुलिस डाॅग भी भटक गया। अंधे कत्ल को सुलझाने पुलिस अधीक्षक डीआर आंचला, एसडीओपी माधुरी धिरही के मार्गदर्शन चिल्फी चौकी प्रभारी सुशील बंछोर व टीम के द्वारा धटना से जुड़ी एक-एक कड़ी को तरासने लगी लेकिन वही जब धटना की हकीकत सामने आयी सभी अंचभित रह गये, क्योकि वृद्ध भगत यादव का हत्यारा उसका बेटा और उसका नाती निकला वही हत्या को अपने आंखो से देखती रही असहाय मृतक की पत्नि।
पुलिस को मृतक की पत्नी के बयान पर रहा सन्देह –
पुलिस के द्वारा मृतक की पत्नि के बयान में संदेह हुया कैसे कोई व्यक्ति की मौत हो जाये और बगल में सो रहे उसे पता ना चले। पुलिस के लिए हैरानी की बात थी कि कमरे में मृतक की पत्नि भी उसके साथ थी लेकिन धटना को लेकर इसका आभास तक मथुरा बाई को नहीं हुया होगा, मथुरा बाई के बयान पर पुलिस को शुरू से ही शक था।
मौत का खुलासा करते हुए लोरमी एसडीओपी माधुरी धिरही व चिल्फी चौकी प्रभारी सुशील बंछोर ने बताया कि पुलिस के द्वारा मृतक भगत राम के बारे में ग्रामीणों से पुछताछ पर मामला सामने आया कि मृतक भगत राम यादव के द्वारा अपने घर के सामने 6 दुकानें बनाये थे जिसमें से एक दुकान अपने बड़े बेटे कृष्ण चरण यादव 45 वर्ष के पुत्र दिनेश यादव 20 वर्ष नाती को किराये पर दिया था। दिनेश यादव अपने पिता के साथ मिलकर उस दुकान को खरीदना चाहता था, दिनेश यादव ने अपने दादा भगत राम से तीन लाख पचास हजार में दुकान का सौदा किया और 20 हजार रूप्ये पेशगी भी दिया गया। इसी दरम्यान मृतक भगत के घर मे चोरी की घटना घटित हुयी जिसमें मृतक के घर में रखे जेवरात और सिक्के जिसकी कीमत लगभग 40 हजार रूप्ये की चोरी कर लिये थे। चोरी को लेकर भगतराम को अपने पोते दिनेश यादव पिता कृष्ण चरण के उपर शक करते हुये दुकान के लिए किये गये सौदे को रद्द कर दिया था इस मामले को लेकर चिल्फी चौकी पुलिस पुरी गहराई तक जाने पर पता चला कि दिनेश यादव दुकान के सौदे को रदद को लेकर अपने दादा भगत राम यादव से काफी परेशान व गुस्से में रहता था। पुलिस के द्वारा दिनेश को हिरासत में लेकर कड़ाई से पुछताछ किये जाने पर अपना अपराध कबुल करते हुए बताया कि वह अपने पिता कृष्ण चरण के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से अपने दादा भगत के बाड़ी का दिवाल फांदकर घर अंदर घुसकर धटना को अंजाम दिये। धटना को अंजाम देते समय पत्नि मोगरा बाई उठ गयी जहाॅ आरोपीयों के द्वारा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दिया गया जिस पर वृद्ध असहाय महिला चुप रही और अपनी आंखो से पति की मौत से सहमी देखती रही। वही आरोपीयों ने पुलिस को धटना से भटकाने के र्लिए ईट के जालीदार रोशनदान को तोड़ दिये। वही आरोपी दिनेश यादव के द्वारा बताये गये स्थान से हत्या में प्रयुक्त हथियार लोहे के सब्बल को कृष्ण कुमार के कब्जे से बरामद किया गया आरोपी के खुन से सने कपड़े बरामद कर चिल्फी पुलिस के आरोपीयों को गिरफतार कर, उन्हे खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर धारा 302, 34 के तहत कार्यवाही करते हुए न्यायालय में पेश किया गया, जहाॅ आरोपीयो को जेल भेज दिया गया। अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में चैकी प्रभारी के साथ चिंताराम कश्यप, रोशन टण्डन, देवीचंद नवरंग, रमेश बर्मन, अशोक जोशी, विनोद बंजारे की भुमिका सराहनीय रही।