छत्तीसगढ़

जशपुर में मना शहीद दिवस प्राचार्य राजेन्द्र पांडेय ने किया संबोधित,शहीद ए आजम,भगत सिंह,राजगुरु एवँ सुखदेव के बलिदान को किया याद

पत्थलगांव ब्यूरो चीफ रितिक मेहरा की रिपोर्ट

जशपुर– शहीद दिवस 2021 के अवसर पर जशपुर में शहीद दिवस मनाया गया जानकारी देते हुए सरस्वती शिशु मन्दिर के प्राचार्य राजेन्द्र पांडेय ने बताया की भारत को आजाद कराने में कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था उनके इस त्याग के कारण ही देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो सका 23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह को सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर षडयंत्र के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर लटका दिया था। 23 मार्च की तारीख उस से हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई इसके बाद से 23 मार्च को देशभर में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शहीद भगत सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बगा में 28 सितंबर 1907 को हुआ था। महात्‍मा गांधी ने साल 1922 में चौरीचौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को खत्‍म करने की घोषणा की तो देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया इसके बाद उन्होंने 1926 में देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्‍थापना की शहीद दिवस के दिन पढ़ें देशभक्ति से भरपूर शहीद भगत सिंह के कुछ क्रांतिकारी विचार ये थे कि बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है। निष्‍ठुर आलोचना और स्‍वतंत्र विचार, ये दोनों क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं। राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है. मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में आजाद है।प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्‍तों को अक्‍सर लोग पागल कहते हैं।जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं। व्‍यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नहीं मार सकते हैं।
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।
आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसी के अभ्यस्त हो जाते हैं। बदलाव के विचार से ही उनकी कंपकंपी छूटने लगती है। इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की दरकार है।’
वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं लेकिन मेरे जज्बे को नहीं।’
अगर बहरों को अपनी बात सुनानी है तो आवाज़ को जोरदार होना होगा. जब हमने बम फेंका तो हमारा उद्देश्य किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना और उसे आजाद करना चाहिए।
यह उदगार सरस्वती शिशु मंदिर उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य व शहीद भगतसिंह ब्रिगेड के नशा मुक्ति अभियान के प्रदेश प्रभारी श्री राजेन्द्र कुमार पाण्डेय जी ने शहीद दिवस की सभा को संबोधित करते हुए प्रकट किया इस अवसर पर श्री सुरेश यादव श्री रामानन्द राम श्री संजय यादव जी ने अपने विचार प्रकट किए।
अमर शहीद भगत सिंह जी छायाप्रति के समक्ष दीप प्रज्वलित करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए इस अवसर पर अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।।।।

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