छत्तीसगढ़

गरीब आदिवासी परिवार पिछले 3 वर्षो से पीएम आवास के क़िस्त के लिए लगा रहा कार्यालय के चक्कर, कोई सुनवाई नही होने के बाद साहू समाज के प्रदेशाध्यक्ष भी दे चुका जिला कार्यालय में आवेदन

बालोद(रोहित चंदेल)/बालोद जिले के गुरुर जनपद पंचायत के ग्राम अकलवारा के एक मजबूर आदिवासी पिछले तीन वर्षों से प्रधानमंत्री आवास की दूसरे किश्त की राशि के लिए जनपद कार्यलय का चक्कर लगाते थक हार चुके ग्रामीण की परेशानी को देखते हुए प्रदेश साहू सध के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी बुधवार को कलेक्टोरेट पहुचकर कलेक्टर से प्रधानमंत्री आवास की राशि दिलाने की मांग की हैं। जिस पर कलेक्टर जन्मजेय मोहबे ने तत्काल गुरुर जनपद सीओ को ज्ञापन कॉपी वाट्सएप में भेजकर जमकर कर फटकार लगाई। जिसके बाद सीओ ने पीएम आवास के हितग्राही को फोन लगाकर कलेक्टर से शिकायत किए हो कहकर नराजगी व्यक्त किया गया।

पीएम आवास का अधिकारियों द्वारा बनाया जा रहा हैं मजाक

जानकारी के अनुसार अकलवारा निवासी ईश्वर सींग को 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 01 लाख 35 हजार रुपये की हुआ था जिसमे पहली किश्त के रूप में केवल 35 हजार रुपये का अब तक भुगतान किया गया हैं। जिसके बाद से हितग्राही दूसरे किश्त की राशि के लिए जनपद पंचायत कार्यलय का 15 बार चक्कर लगाने के बाद भी अधिकारी द्वारा कोई ध्यान नही दिया गया।हितग्राही की परेशानी को देखते हुए प्रदेश साहू सध अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी बुधवार को कलेक्टोरेट पहुँचकर पीएम आवास की राशि दिलाने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए कहा कि हितग्राही धास पूस की झोपड़ी बनाकर रह रहा है। मैं स्वयं देखर हैरान रह गया कि इस तरह योजना का अधिकारियों के द्वारा मजाक बनाया जा रहा हैं।उक्त प्रकरण की जांच कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की हैं।

हितग्राही पीएम आवास की राशि दिलाने के नाम पर जनपद कार्यलय का 15 बार लगा चुके चक्कर, कलेक्टर को भी सौप चुके हैं ज्ञापन

अकलवारा निवासी ईश्वर सींग द्वारा पीएम आवास की तीन किश्त की राशि के लिए गुरुर जनपद कार्यलय का 15 बार चक्कर लगा चुके हैं, इसके साथ ही 19 जनवरी 2021 को बालोद के कलेक्टोरेट पहुँचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा जा चुका है लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नही दिया।पीएम आवास के हितग्राही ईश्वर सींग ने बताया कि मेरे नाम से 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 01 लाख 35 हजार रुपये की स्वीकृति हुई थी।जिसमे से मुझे पहली किश्त के रूप में 35 हजार रुपये का अब तक भुगतान किया गया हैं। उन्होंने बताया कि उक्त राशि से कुछ मजदूरी के पैसे मिलाकर दरवाजा लेंटर के साथ ईट की दीवाल जोड़ाई कार्य पूरा कर लिया गया हैं।लेकिन आज तक दूसरा किश्त की राशि आज तक नही मिला है।जिसके कारण मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई हैं।छत की ढलाई करने में असमर्थ हु।दो बारिश कैसे निकाले मैं ध्यान नही कर सकता ।मेरे परिवार में 11 सदस्य है जो प्लास्टिक की पॉलीथिन और साड़ी ढककर रहने को मजबूर है।

पीएम आवास के दूसरे किश्त के लिए भटक रहे हितग्राही

ईश्वर सींग ने अपना दुखड़ा इस कदर बताया कि पीएम आवास के नाम पर आई इस योजना से हमारा मकान बनने की खुशी थी किंतु इस आधी अधूरी योजना से हम अपने घरों से भी बेघर हो गए है। इसे ध्यान में रखते हुए अन्य हितग्राही भी योजना का लाभ लेने आगे आए और स्वीकृति उपरांत इन हितग्राही ने अपने पुराने घरों को तोड़कर नया मकान बनाना शुरू कर दिया था किंतु अगली किस्त में इंतजार में वे अपने पुराना घर भी तोड़ चुके हैं।और झोपड़ीनुमा धर बनाकर रहने को मजबूर है।

पॉलीथिन और साड़ी की झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं पीएम आवास के हितग्राही

ग्राम अकलवारा के ईश्वर सींग ने बताया एक ही किश्त मिली है उसके बाद पैसा ही नहीं आया है। इससे 3 वर्षो से अधिक समय से मकान निर्माण बंद हैं। नया घर बनवाने की आस में पुराना घर तोड़ चुके हैं। अब शासन से किश्त की राशि न मिलने से काम बंद हैं। जिसके कारण पॉलीथिन और साड़ी की झोपड़ी बनाकर परिवार सहित निवास कर रहे हैं । जैसे तैसे दो दो बारिश के मौसम को झोपड़ी में ही रहकर निकाली हैं।झोपड़ी में रहने से हमेशा कीड़ा मकोड़े का भय रहता है, उन्होंने बताया कि अभी केवल एक ही किश्त के रूप में 35 हजार हजार रुपये मिला है, दूसरे किश्त नही मिलने से छड़, सीमेंट,ईट व रेत के पैसा नही दिया है, जिसके चलते दुकानदारों द्वारा पैसा देने का दबाव बनाया जा रहा हैं, इसके चलते मानसिक और आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। पीएम आवास के हितग्राही ने पीएम आवास की दूसरे किश्त जल्द से जल्द देने की मांग शासन प्रशासन से की हैं।

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