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स्कूल जाने का ऐसा जज्बा कि घोड़े से कर ली यारी,बच्चे के जज्बे को लेकर CM शिवराज सिंह ने भी किया नन्हे शिवराज की तारीफ

खंडवा: स्कूल नजदीक होता है तो बच्चे जाने के लिए माता-पिता से साइकल की मांग करते हैं। दूर रहने पर वह बस और ऑटो का सहारा लेते हैं। लेकिन एमपी के खंडवा जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाला शिवराज हर दिन स्कूल घोड़े पर सवार होकर जाता है। स्कूल से गांव की दूरी 5 किलोमीटर है। अपने घर से स्कूल जाने के लिए जब वह घोड़े पर सवार होकर निकलता है तो लोग देखते रह जाते हैं। शिवराज के स्कूल जाने की तस्वीरें जब सामने आईं तो एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी तारीफ की है।

दरअसल, खंडवा जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव बोराड़ी माल है। शिवराज इसी गांव में रहता है। वह 5वीं में पढ़ता है। कोरोना की वजह से स्कूल बंद था। स्कूल फिर से खुला तो बस चालू नहीं हुई। ऐसे में शिवराज के सामने मुश्किल यह थी कि वह स्कूल कैसे पहुंचे। कुछ दिन वह साइकल से स्कूल जाना शुरू किया लेकिन रास्ता खराब है। इसकी वजह से वह गिर जाता था।

ऐसे में शिवराज के घर में उसके पिता ने कुछ दिन पहले ही एक घोड़ा खरीदा था। घोड़ा का नाम राजा है। उससे शिवराज की यारी अच्छी है। वह गांव में पूर्व में भी घोड़े को दौड़ता रहा है। ऐसे में स्कूल जाने के लिए भी उसे घोड़े का सहारा मिल गया। अब शिवराज घोड़े पर सवार होकर हर दिन स्कूल जाता है। स्कूल पहुंचने के बाद शिवराज कैंपस में ही घोड़े को बांध देता है।

शिवराज जब अपने गांव से स्कूल जाने के लिए निकलता है, तो उसे देखने के लिए लोग खड़े हो जाते हैं क्योंकि शिवराज काफी कम उम्र में घोड़े की सवारी कर रहा है। शिवराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं पहले साइकल से स्कूल आता था। साइकल से गिर जाता था, इसकी वजह से मैं जख्मी हो जाता था। शिवराज ने एमपी के सीएम शिवराज मामा से अपनी तुलना करते हुए कहा कि जैसे वह हार नहीं मानते हैं, मैं भी उसी तरह से हार नहीं मानूंगा। अब मैं राजा के साथ स्कूल आता हूं।

दरअसल, शिवराज के पिता देवराम यादव बोराड़ीमल में रहते हैं। पिछले साल ही उन्होंने इस घोड़े को खरीदा था, अब वह शिवराज का दोस्त बन गया है। उन्होंने बताया कि शिवराज के एक बुलावे पर घोड़ा उसके पीछे चल देता है। शिवराज ने ही उसका नाम राजा रखा है। देवराम यादव ने बताया कि मैं किसान हूं। समय पर इसे स्कूल पहुंचाना मेरे लिए संभव नहीं है। घोड़े से उसकी दोस्ती है, इसलिए उसी से जाता है।

शिवराज के स्कूल के शिक्षक विजय सराठे ने बताया कि वह पढ़ने में काफी प्रतिभावन है। इसके साथ ही होशियार भी है। स्कूल में 11 जनवरी से क्लास शुरू हुई है। उसके बाद से ही शिवराज घोड़े पर सवार होकर स्कूल आता है। वह कभी भी स्कूल में अनुपस्थित नहीं रहता है।

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