जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आरोपी को बचाने हो रही साजिश,डीईओ कार्यालय भी चल पड़ी जनपद कार्यालय की राह,शिकायत कर्ता को दी जा रही तुगलकी फरमान,क्या है मामला जानिए
बेमेतरा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आरोपी को बचाने हो रही साजिश
अब डीईओ कार्यालय भी चल पड़ी साजा जनपद कार्यालय की राह
शिकायत कर्ता को दी जा रही तुगलकी फरमान
शिकायत कर्ता को लिखा पत्र में दिख रहा है अपरोक्ष धमकी
शिकायत कर्ता ने दिया उसी के अंदाज में जवाबी पत्र
संजु जैन बेमेतरा:विगत कई वर्षों से मीडिया, फर्जी शिक्षकों द्वारा कूटरचित और अपात्र दस्तावेजो के सहारे नौकरी करने की प्रमाणित खबरे प्रकाशित करते आ रही है,जिसमे कुछ पर तो आंशिक कार्यवाही हुई लेकिन अधिकांश लोगों पर आज भी समुचित कार्यवाही नही हुई कुछ लोगो की प्रमाणित शिकायत हुई जिसमे प्रमुख रूप से भुनेश्वर शुक्ला और संगीता शुक्ला जिनकी जांच एक इंच भी आगे नही बढ़ी दूसरे तरफ एक ब्याख्याता सुखनन्दन जंघेल की शिकायत एक फरवरी 2021 को की गई थी जिसमे जिला शिक्षा अधिकारी ने शिकायत कर्ता को ही एक हफ्ते के अंदर अपने कार्यालय में साक्ष्य सहित उपस्थित होने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया, पत्र की प्रारूप और शब्दावली को देखने से डीईओ का पत्र अपरोक्ष रूप से शिकायत कर्ता को धमकाने वाला है ,पूर्व में भी इस ब्याख्याता के शिकायत की जांच सीईओ जिला पंचायत ने सीईओ जनपद पंचायत से हो चुका है जिसमे उक्त ब्याख्याता की सेवा समाप्त करने की अनुशंसा अपने जांच प्रतिवेदन किया गया था,वो मामला अभी भी जिला पंचायत में दबा पड़ा है उस समय भी कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा मामले में बीच मे कूदकर जबरदस्ती उक्त ब्याख्याता को बचाने का प्रयास किया था और अपने प्रतिवेदन में उसके नियुक्ति आदेश को सही ठहराया था जबकि शिकायत अपात्र अनुभव प्रमाण में अनुचित अंक लाभ मिलने से नियुक्ति होने की हुई थी ,दूसरी बात शिकायत सेक्रेटरी स्कूल शिक्षा विभाग छ ग शासन मंत्रालय को की गई है इनको सिर्फ सूचनार्थ प्रतिलिपि दी गई है बिना उच्च कार्यालय के निर्देश के डीईओ बेमेतरा कैसे जांच अधिकारी बन गया और शिकायत कर्ता को किस हैसियत से पत्र लिखा ये अपने आप मे जांच का विषय हो सकता है इनके अधिकार क्षेत्र में आने वालों सहा शिक्षकों के ऊपर शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद यदि इनकी मंशा कार्यवाही करने की होती तो अब तक सैकड़ो लोग सलाखों के पीछे होते जो अपात्र और अवैध तरीको से आज भी नौकर कर रहे है