छत्तीसगढ़

जिस विद्यालय में महापुरुषों की तस्वीरों के माध्यम उनके बताए मार्गो में चलने बच्चो को शिक्षा दी जाती है..उसी स्कूल के कचरे के ढेर पड़ा है देश के महानायकों की तैलचित्र

बालोद(रोहित चंदेल)बालोद जिला मुख्यालय में विकासकार्यो के नाम पर भारत के उन महापुरुषों का अपमानित करने का मामला सामने आया है ये महापुरुष कोई और नही बल्कि भारत के वे महापुरुष जो देश के अस्मिता भी हैं और आजादी के महानायक रहे हैं उनके तैलचित्र आमापारा में बन रहे अंग्रेजी स्कूल के कूड़े कचरे की ढेर में मिले हैं। इन महापुरुषों में देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, स्वामी विवेकानंद, सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन के अलावा डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की तस्वीरें हैं जो अंग्रेजी माध्यम के बन रहे उत्कृष्ठ विद्यालय में कूड़े करकट के रूप में कचरे की ढेर में पड़ी हुई मिली हैं। बात दे कि उक्त अंग्रेजी माध्यम स्कूल का निर्माण पीडब्ल्यूडी करा रहा है। करोड़ो रुपए की लागत से बन रहे इस उत्कृष्ट विद्यालय का निर्माण अब अंतिम दौर में है। बड़ी बात यह भी है कि ये जो तस्वीरें है वे छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के द्वारा पूर्व में संचालित स्कूल में लगाई गयी थी। नवनिर्मित स्कूल के कचरे की ढेर में महापुरुषों के चित्र देख वार्डवासियों में जमकर आक्रोश है। बात यह भी कि उस विभाग की सोच और उस शाला में कुंठा का कैसा अवसाद होगा, जो घटित इस घटना से बेहतर समझा जा सकता है। भारत के गौरव महात्मा गांधी और महापुरुषों के तैलचित्र के इस अपमान ने जनमानस को आहत किया है।

🔴 तार तार हो रहा है महापुरुषों का सम्मान 🔴

सबसे बड़ी बात यह है कि ये वो स्कूल हैं जो देश की नौनिहालों एवं नई पीढ़ी को दशा और दिशा देते हैं, मगर जिस तरह भारत की आजादी के महानायक और देश के महापुरुष जो इस देश की अस्मिता हों और इस नए भारत को उनके आदर्श नित नया आयाम देकर इस पीढ़ी को सुपुर्द किया गया हो और उनका सम्मान ही शासकीय संस्थाओं के दायित्व में ऐसा है तो सवाल यही खड़ा होता है कि महापुरुषों के सम्मान के साथ से जुड़ा देश का सम्मान और अभिमान इस तरह तार-तार क्यों हो रहा है।

🥃 पड़ी थी शराब की बोतल और डिस्पोजल ग्लास 🥃

निर्माण एजेंसी ने क्विट इंडिया और क्लीन इंडिया का संदेश देने वाले गौरव बापू की स्मृतियों को संजोये रखना भी मुनासिब नही समझा। साफ-सफाई में बराबरी की हिस्सेदारी की वकालत और साफ-सुधरे हिंदुस्तान का ख्वाब संजोने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैलचित्र कबाड़ में मिलने से लोगो में रोष है। जिस जगह पर महापुरुषों के चित्र पड़े मिले वही कुछ दूरी पर अंग्रेजी शराब की बोतल और डिस्पोजल ग्लास भी पड़े मिले।

🔎 अंदर पोताई का काम चल रहा तो बाहर रखवा दिया 🔎

पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन अभियंता एफ़ टोप्पो का कहना है कि उन्होंने महापुरुषों के चित्र को रखवा दिया है। डीओ साहब जब आए थे तो उनकी नजर में आया तो उन्होंने अपने स्टाफ को बुलवाकर सुरक्षित रखवा दिया है। अंदर पोताई का काम चल रहा तो बाहर रख दिया गया था।

साहब का कहना देखूंगा तो सब फिकवा दूंगा

पीडब्ल्यूडी के ईई से पूछा गया कि अंग्रेजी शराब की बोतल, डिस्पोजल ग्लास भी पड़े है तो उनका कहना था कि वो तो सफाई वाली बात है। इसमें कौन सा दिक्कत है। साहब का कहना था मुझे मत बताइये जिनकी संस्था है उनको बताइये। बाकी सफाई रोज चल रहा है। मैं देखूंगा तो फिकवा दूंगा।

📵डी ई ओ साहब ने तो फोन ही नही उठाये📵

इस गंभीर विषय पर जब निर्माण एजेंसी के जिम्मेदार अधिकारी ने मामले पर गोलमोल जवाब देते नजर आए और मामले को जिला शिक्षा अधिकारी पर थोपते दिखे तो जिला शिक्षा अधिकारी को इस मामले की जानकारी लेने लगातार उनके मोबाइल पर कॉल कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने न तो मोबाईल पर उपलब्ध हुए और न ही किसी तरह का काल बेक किया

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