छत्तीसगढ़

विधानसभा में अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत के दिखे तीखे तेवर,कहा- “चिल्लाना मुझे भी आता है”

रायपुर।विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत छत्तीसगढ़ विधानसभा में शून्यकाल के दौरान काफी तीखे अंदाज में नजर आए। उन्होंने भाजपा विधायकों की उग्रता को देखकर ये तीखा तेवर अपनाया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एवं वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मेरी आवाज़ यहां कुछ लोगों को सुनाई नहीं पड़ती। इसलिए जोर से बोलना पड़ता है।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने लगाया आरोप

शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बठेना में 5 लोगों की हत्या हो गई। आज विधानसभा में महिला दिवस पर बधाई का दौर चल रहा है उधर मरने वाले 5 लोगों में 3 महिलाएं थीं। इससे पहले मुख्यमंत्री के ही क्षेत्र में आने वाले खुड़मुड़ा में 4 लोगों की हत्या हो गई थी। हत्याओं के मामले को आत्महत्या बताते हुए उस पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। कानून व्यवस्था दिनों दिन बद से बदतर होती जा रही है। इधर किसान कर्ज में डूबे हैं उधर जमीन माफिया पूरे प्रदेश को आतंकित कर रखे हैं।

जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह को अपनी बात रखने का मिला मौका

बृजमोहन अग्रवाल के बाद भाजपा विधायक सौरभ सिंह बोलना चाह ही रहे थे कि विधानसभा अध्यक्ष ने जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह को अपनी बात रखने का मौका दिया। धर्मजीत सिंह द्वारा अपनी बात रख देने के बाद विपक्षी दल भाजपा की तरफ से शिकायत सामने आई कि हत्या जैसे गंभीर मामले में भाजपा के लोगों को बोलने के अवसर से वंचित किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि मुझे क्या मालूम कि बाकी लोग किस पर बोलना चाह रहे हैं। धर्मजीत सिंह ना सिर्फ वरिष्ठ विधायक हैं जनता कांग्रेस के नेता भी हैं, अतः उन्हें प्राथमिकता के तौर पर बोलने का अवसर दिया जाना जरूरी था।

सदन परंपराओं पर चलता है : बृजमोहन अग्रवाल

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन परंपराओं पर चलता है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि शून्यकाल में बोलने वालों की सूची में धर्मजीत सिंह का नाम था, इसलिए उन्हें बोलने का अवसर मिला। इनके बाद जिसका नाम आता है वह बोलें, बोलने से किसने मना किया है। रविन्द्र चौबे के इस कथन पर विपक्ष की ओर से शोर शराबा होने लगा। जवाब में सत्ता पक्ष के लोग भी खड़े हो कर शोर मचाने लगे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि किसी के बोलने पर आपत्ति नहीं। हमने इस विषय पर स्थगन दिया है जिस पर बाकी लोगों को बोलने का अधिकार है।

मैं भी चिल्ला सकता हूं : डॉ. चरणदास महंत

वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सीधे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि नेताजी आज मैं जिस कुर्सी पर हूं उस पर पहले आप विराजमान रह चुके हैं। नियम कानून की समझ आप भी रखते हैं और मैं भी। सन् 1980 से सदन का अनुभव लेते आ रहा हूं। 5 बार विधानसभा और 5 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुका हूं। आठ बार विधायक रहा। साथ में मंत्री भी। कुछ सदस्यों को परंपरा और नियमों में फर्क दिखाई देने लगता है। सौरभ सिंह ने बोलने के लिए हाथ उठाया। मैं उन्हें बोलने का अवसर दे भी रहा था। अब आप ही लोग नियम बना दें कि किन्हें सुनना है। इस पर उग्र होकर बृजमोहन अग्रवाल जब अपनी बात कहने लगे डॉ. महंत ने बीच में ही टोकते हुए कहा कि मैं भी परपराओं को जानता हूं। मैं भी चिल्ला सकता हूं। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आप डरा रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मेरी आवाज़ यहां कुछ लोगों को सुनाई नहीं देती इसीलिए जोर से बोलना पड़ रहा है। इसके बाद डॉ. महंत सदन की जिम्मेदारी सभापति देवेन्द्र बहादुर सिंह को सौंपकर बाहर अपने कक्ष में चले गए। इधर, नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वाक आउट कर दिया। भाजपा विधायकों की गैर मौजूदगी में आगे सदन की कार्यवाही जारी रही।

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