STATE TODAY|प्रदेश सरकार ने किसानों का धान तो खरीद लिया,लेकिन धान का सही रखरखाव नही होने से हो रहे हैं खराब,जनपद सभापति कुलेश्वर साहू ने संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर धान का जल्द उठाव करने की अपील
बेमौसम बारिश में मण्डीयों में रखाये धान भीग कर सड़ रहे है, हो रहा है नुकसान,
सेवा सहमारी समितियों में समर्थन मुल्य पर खरीदी गयी धान की उठाव प्रसांगिक व्यय एवं प्रोत्साहन राशि दिये जाने के लिए जनपद सभापति कुलेश्वर साहु ने संयुक्त संचालक को लिखा पत्र
जितेन्द्र पाठक
मुंगेली/लोरमी – छत्तीगसढ़ राज्स सरकार के द्वारा किसानों के धान खरीदी तो कर लिये गये है लेकिन अभी मण्डीयों व समितियों में धान के उठाव नहीं होने के कारण काफी संख्या में धान के बोरे मण्डीयों व समितियों में खुले आसमान के नीचे बिना की सुरक्षा इंतजाम के रखाये हुए है जो क्षेत्र में हो रहे लगातार कुछ दिन बेमौसम बारिश होने के कारण धान के बोरे भीग कर सड़ने लगे है जिसके कारण शासन को काफी नुकसान सहना पड़ सकता है वही बारिश से धान को सुरक्षित रखने के लिए मण्डीयो व समितियों के द्वारा किसी प्रकार से कोई इंतजाम करते नजर नहीं आ रहे है बारिश से भिगने के कारण धान बोरे में धान जमने लगा है। वही इस मामले को लेकर लोरमी जनपद पंचायत के सभापति कुलेश्वर साहू के द्वारा कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के द्वारा धान तो खरीदी किया जा चुॅका है लेकिन इसका उठाव नही करवाये जाने के कारण आज बारिश के कारण मण्डीयों व समितियों में धान भीग कर सड़ रहे है जिसके कारण नुकसान होना लाजिम है। वही इस मामले को संयुक्त पंजीयक बिलासपुर संभाग को पत्र के माध्यम से कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी समितियों में समर्थन मुल्य पर 01 दिसंबर 2020 से 31 जनवरी 2021 तक धान खरीदी गयी है आज खरीदी समाप्त किये लगभग 4 माह बीता जा रहा है लेकिन अभी तक धान का पुरा उठाव नहीं हो पाया है खुले में धान रखाये होने के कारण व बार-बार बेमौसम बारिश तो कही चुहा होने के कारण धान को भारी क्षति हो रहा है, मण्डी, समिति में खरीदी के समय 17 प्रतिशत नमी तक खरीदी किया गया था, जब की आज की स्थिति में नमी 7 से 10 प्रतिशत हो गया है जिसक कारण धान का वजन कम आना स्वाभाविक है सुखत एवं क्षतिपूर्ति समिति को दिया जाना चाहिये। श्री साहू ने कहा कि खरीदी की व्यवस्था आदि के लिए मार्कफेड द्वारा मात्र 11 रूप्ये प्रति क्विंटल दी जाती है वह भी किश्त में जबकि उक्त सभी व्यवस्था के लिए 20 से 22 रूप्ये प्रति क्ंिवटल व्यय आता है जिसके लिए हम मांग करते है कि प्रति क्विंटल 20 से 22 रूप्ये दिया जाये साथ ही साथ समितियों में नियुक्त कम्प्युटर आपरेटर की भी मानदेय राशि मात्र 9 माह का भुगतान किया जाता है आपरेटरों को 12 माह का भुगतान किया जाना जाये,धान खरीदी के बाद समितियों को प्रोत्साहन राशि तत्काल दिया जाये जिससे समिति अपनी व्यवस्था, कर्मचारीयों का वेतन भुगतान कर सके। क्षेत्र में हो रही बेमौसम बारिश एवं क्षति नुकसान को देखते हुए मण्डी,समितियों में खुले आसमान में रखाये हुए धान की उठाव जल्द से जल्द किया जाये एवं प्रासंगिक व्यय व प्रोत्साहन राशि को लेकर जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाही किया जाये।