STATE TODAY|VIDEO:धान खरीदी केंद्र ले जा रहे बैगा आदिवासियों के धान को प्रशासन ने किया जप्त,अपने मेहनत के फसल को वापस पाने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी जिला प्रशासन के चक्कर लगाने हैं मजबूर,अधिकारियों की उदासीनता के चलते नही मिल रहा हैं इन्हें न्याय
मुंगेली/ जिले के वनांचल में निवास करने वाले बैगा आदिवासियों की जिंदगी में और तो बहुत सारी परेशानियां हैं लेकिन फिर भी अपनी जिंदगी को जैसे तैसे जी रहे हैं,प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू तो किया गया है,लेकिन इसके साथ ही किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसा ही एक मामला जिले के लोरमी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले वनांचल क्षेत्र के बिजराकछार गांव में देखने को मिला जहां बैगा आदिवासियों के द्वारा मेहनत से उपजाए अपने धान को जब बेचने के लिए खुड़िया खरीदी केंद्र आ रहे थे इसी दौरान प्रशासनिक टीम के द्वारा इनके धान को व्यापारियों का धान है कहके जप्त कर लिया गया,कहने को तो बैगा आदिवासीयों को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता हैं लेकिन यह बातें सिर्फ कागज तक ही सिमट कर रह गई है राष्ट्रपति के इन दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासियों को किसी प्रकार का कोई सुविधा प्रदान नहीं हुआ है,और तो और उनके अथक प्रयास से अपनी मेहनत उपजाए धान को बेचने के लिए इनके द्वारा पहले तो पंजीयन कराया गया और पंजीयन होने के पश्चात इनके द्वारा खरीदी केंद्र जाकर टोकन लिया गया बावजूद इसके इनके धान को प्रशासनिक टीम के द्वारा जप्त कर खुड़िया चौकी में रखा गया है इस संबंध में बैगा आदिवासियों ने बताया कि हमारे द्वारा अपने धान को बेचने के लिए खुड़िया समिति केंद्र ले जाया जा रहा था जिसे बीच रास्ते में प्रशासनिक टीम के द्वारा गाड़ी को रोक के दोषी बैगा के 185 बोरा और सुखराम व परशुराम के 60 बोरा धान को व्यपारी/कोचिया का धान है कह के जप्त कर लिया गया,पीड़ित बैगा आदिवासियों ने बताया कि 14 दिसंबर को किए गए इस कार्रवाई के बाद हमारे द्वारा लगातार जिला मुख्यालय पहुंचकर जिले के कलेक्टर सहित संबंधित विभाग के आला अधिकारियों से अपने धान को छुड़ाने की लाख मिन्नतें कर चुके हैं,बावजूद इसके अभी तक हमारे हमारे धान को नहीं छोड़ा गया है जिससे हमें आर्थिक रूप से भारी नुकसान हो रहा है वहीं किराए की गाड़ी से जिस धान को बेचने जा रहे थे उसका भी किराया दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं जिसके चलते हम परेशान हैं वही इस मामले को लेकर अधिवक्ता एवं भाजपा नेता रवि शर्मा ने कहा कि किसानों की बदौलत जो प्रदेश की कांग्रेस सरकार सत्ता में काबिज हुई है उनके ही प्रशासनिक अधिकारी अब इन भोले-भाले किसानों को परेशान करने में लगे हुए हैं उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने बैगा आदिवासियों के धान को जप्त किया है वह बताएं कि भारत के किस कानून के तहत इनके धान को जप्ती किया जा सकता है उन्होंने आगे कहा कि वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी बिना सिंचाई के बिना व्यवस्था के किसी तरह मेहनत करके अपना फसल उपजा रहे हैं उसे भी प्रशासन के द्वारा जप्ती किया जा रहा है वहीं उन्होंने आगे बताया कि लोरमी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले 20 से 25 ऐसे गांव हैं जहां पर आदिवासी निवास करते हैं,उन्होंने बताया कि जिन आदिवासियों के धान को जप्त किया गया उस धान बेचने के लिए धान खरीदी केंद्र जा रहे थे जहां पर उनका पंजीयन भी हुआ है और उनके नाम से टोकन भी जारी किया गया है लेकिन उसी धान को प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा व्यापारियों का कोचियों का धान है कहकर जप्ती कर लिया गया है,वही उन्होंने आगे कहाकि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि समावेशी विकास करेंगे लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उनके हुक्मरान और प्रशासन के अधिकारी मुख्यमंत्री के वक्तव्य को झूठ लाने का दुस्साहस कर रहे हैं,हमारी जिला प्रशासन से मांग है कि जिन 3 किसानों की धान को जप्त किया गया है उनके धान को वापस किया जाए इनके सामने जीवन यापन करने को लेकर भारी समस्या खड़ी और यह भूखे मरने के कगार पर आ गए हैं
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