छत्तीसगढ़

बड़ी खबर:एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल का प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से हुई शिकायत,मानसिक रूप से परेशान व प्रताड़ित किये जाने पर तत्काल कार्यवाही की मांग

संजू जैन बेमेतरा:प्रदेश के गृहमंत्री के शुक्रवार को बेमेतरा जिले के ग्राम कुसमी प्रवास पर रहे जहां जिला मुख्यालय के विवादित निजी स्कूल एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल बेमेतरा की शिकायत गृहमंत्री से किया गया। स्कूल के छात्र के पिता व पालक वार्ड क्रमांक 11 कृष्णा विहार कॉलोनी बेमेतरा निवासी 48 वर्षीय शत्रुहन साहू पिता स्वर्गीय रामाधार साहू ने प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से लिखित शिकायत करते हुए अतिशीघ्र तत्काल कार्यवाही करने की मांग की।

पालक शत्रुहन साहू ने बताया कि उनका पुत्र लुकेश कुमार साहू का एडमिशन एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल बेमेतरा में पिछले 6 वर्षों से अध्ययनरत हैं। अभी मेरा पुत्र कक्षा आठवीं में पढ़ाई कर रहा है, जिसका स्कूल फीस 2 किश्त को एक साथ स्कूल में जमा कर चुका था, मात्र अंतिम व तीसरा किस्त लगभग 11200 रु बकाया था। वार्षिक परीक्षा 27 फरवरी 2021 से शुरू हो गया है, तथा दिनांक 11 मार्च को एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल से वार्षिक परीक्षा ग्रुप से सुबह करीब 8.25 बजे से बाहर कर दिया है कि आपका फीस जमा नहीं हुआ है।

श्री साहू ने आगे बताया कि पहले एकेडमिक हाइट्स के नाम से संचालित था, लेकिन 3 या 4 वर्ष पश्चात बिना पालकों की सहमति के स्कूल के नाम को एकेडमिक वर्ल्ड कर दिया, इतना ही नहीं वहां पर विनीत राजोरिया जो प्रबंधक है उनका व्यवहार तो इतना खराब है कि अधिकांश पालक स्कूल जाने से डरते है,

क्योंकि वह जिस स्कूल में प्रबंधक है वही के एक लड़की को जो रिशेप्शन में बैठती थी, उसको वह अपने प्रेमजाल में फंसा कर शादी कर लिया। स्कूल, विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है लेकिन एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल में ना तो संस्कार है न ही मानवता। बेमेतरा जिला कृषि प्रधान होने के यहां के अधिकांश लोग कृषि पर ही निर्भर करते हैं लेकिन हर पालक का यहीं सपना होता है कि मेरे बच्चे अच्छे शिक्षा, संस्कार और पढ़ाई करेगा करके अपने बच्चे को एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल में भर्ती कराया है अपने खेती के सारी कमाई को फीस में दे देते हैं तथा स्कूल में पालक जाते है तो उसको वहां का वातावरण भयमय लगता हैं। लेकिन जिस तरह स्कूल प्रबंधक एवं स्टाफ स्कूल में व्यवहार करते हैं जिससे क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश हैं। बार बार बच्चे पालक को फीस के लिए परेशान करते हैं। अतः समय रहते शासन प्रशासन इसमें ध्यान दिया तो आने वाले समय में खामियाजा भुगतना पड़ सकता हैं।

जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अतिशीघ्र तत्काल कार्यवाही करने की मांग की। साथ ही इसकी प्रतिलिपि कलेक्टर, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, संचालक लोक शिक्षण विभाग, मानवधिकार आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को भेजा गया हैं।

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