STATE TODAY|नगर निगम बिलासपुर में शामिल ग्राम पंचायतें जो अब वार्ड बन गए है लेकिन विकास के नाम पर जीरो,ग्राम पंचायतों के नागरिकों को हैं विकास का इंतजार?
(गोविन्द शर्मा की कलम से)
बिलासपुर/: अपने बढ़ते हुए शहरों को देखना कौन नही चाहता है उसी तारतम्य में बिलासपुर की जनता एवं जुड़े ग्राम पंचायतों एव अब वार्ड में तब्दील हुए जनता को भी लगने लगा था कि अब शहर से जुड़ने के बाद नगर निगम से मिलने वाली सारी सुविधाओं का लाभ उन्हें मिलने लगेगा लेकिन ऐसा होता दिखाई नही दे रहा है।
आपको बताना चाहता हूं भाजपा शासन के 15 साल में बिलासपुर शहर का परिसीमन नही हुआ जिसके चलते शहर का विकास रुक सा गया था शहर के विकास के लिए समय समय पर धन राशि आती रही लेकिन शहर के छोटे होने के कारण एक ही काम को साल के साल अदल बदल कर कार्य किया जाता रहा है जिसमे हमेशा भ्र्ष्टाचार का आरोप भी लगता रहा है जिसमे सबसे बड़ी योजना सिम्प्लेक्स की रही जो आज तक अधूरी है ऐसी कई योजनाओं पर भ्र्ष्टाचार का आरोप लगता रहा है लेकिन शहर का विकास न उस समय हुआ और न आज शहर का परिसीमन होने के बाद शहर से जुड़ी ग्राम पंचायतों को जोड़ कर नगर निगम में शामिल किया गया ।अब आते है नगर निगम में शामिल ग्राम पंचायतों की, जब इस नगर निगम में जुड़े वार्डो में घूमने जाओ तो ये आज भी शहर से बाहर विकास की बाट जोहते नजर आ रहे है इनकी सोच ये है कि इससे अच्छा तो ग्राम पंचायत में थे कि कुछ तो कार्य होता नजर आता था लेकिन अभी न तो विकास ने कोई पूछने वाला है,जबकि अभी सरकार बदली कांग्रेस ने वादा भी किया था जुड़े वार्डो में विकास दुगने गति से होगा लेकिन समस्याओं से घिरे ये वार्ड आज भी महापौर से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का इंतजार कर रहे है कि कब विकास होगा उन्हें कब सुविधाओं में शामिल किया जाएगा ।
अंतिम में हम छोटे (ग्राम) में ही अच्छे थे बड़े (नगरनिगम) में होकर तो ओर बर्बाद हो गए। विकास की ओर देखते ग्राम पंचायतों के नागरिक ।