STATE TODAY|अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के दिन बुजुर्गों का किया गया सम्मान,घर अपनों से बनता है,बच्चों,बड़े और बुजुर्गों के प्रेम से बनता है:खुशबू वैष्णव
जितेंद्र पाठक,मुंगेली/लोरमी – प्रति वर्ष 01 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाता है। पूरे प्रदेश में राज्य स्तरीय वृद्धजन दिवस मनाया जा रहा है इसी तारतम्य में लोरमी जनपद पंचायत सभाकक्ष में वृद्धजनों का सम्मान समारोह का आयोजन किया। जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती खुशबू वैष्णव के द्वारा वृद्धजनों को शाल व श्रीफल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान श्रीमती खुशबू वैष्णव ने कहा अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस इस दिन को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कोई इसे अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस कहते है, तो कोई इसे अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक के नाम से भी जानते है। साथी ही कोई इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस अथवा विश्व प्रौढ़ दिवस के नाम से जानते है। वृद्ध नागरिकों का सम्मान हमने प्रतिदिन करना चाहिए लेकिन इस बारे में जागरूकता लाने के लिए यह विशेष दिन अपनाया गया है। इस खास अवसर पर वृद्धों के सम्मान में यह दिन मनाया जाता है। मकान बना लेना बड़ी बात नहीं है, न ही इसमें बहुत समय लगता है। बड़ी बात है मकान को घर बनाना। घर अपनों से बनता है, बच्चों, बड़े और बुजुर्गों के प्रेम से बनता है। वर्तमान जीवनशैली में संयुक्त परिवार की परंपरा कम होती जा रही है। पहले जहां घर-परिवार के बुजुर्गों का सर्वोच्च स्थान हुआ करता था, अब उसमें कमी आ रही है। छोटे परिवार की चाहत में लोग अपने बुजुर्गों से दूर हो रहे हैं। बच्चे दादा-दादी के प्यार से महरूम हो रहे हैं। हम आज जो भी हैं, घर के बुजुर्गों की ही बदौलत हैं। इसलिए हमें उनकी अनदेखी नहीं, बल्कि उनका सम्मान करना चाहिए। इसी के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल एक अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस या विश्व प्रौढ़ दिवस भी कहा जाता है। आइए, इस अवसर पर अपने बुजुर्गों के प्रति सम्मान व्यक्त करते संदेशों के जरिए शुभकामनाएं भेजी जाए। कार्यक्रम के दौरान जनपद अध्यक्ष मीना पाटले, सभापति कुलेश्वर साहू, नरेश पाटले, रमेश तिवारी, श्रवण चतुर्वेदी एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
इनका किया गया सम्मान –
रामकुमार केशरवानी, मदन मोहन वैष्णव, राजेन्द्र उपाध्याय, विनोद तिवारी, निरंजन ठाकर, भरत ध्रुव, राधे जायसवाल, शत्रुहन ध्रुव, बुधराम यादव, कोन्दा जायसवाल, रामजी साहू, परमसुख दुबे आदि का किया सम्मान।