BEMETARA:हत्या के 6 आरोपीयो को आजीवन कारावास,जानिए कैसे दिए थे घटना को अंजाम
संजु जैन बेमेतरा: संक्षेप में मामला इस प्रकार है, कि प्रार्थी हीरालाल यादव ने थाना थानखम्हरिया में उपस्थित होकर दिनांक 04.02.2019 को मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 03.02.2019 को 21:30 बजे यह एवं इसके परिवार वाले खाना खाकर अंदर आराम कर रहे थे,तभी उसके घर के बाहर दरवाजा को खटखटाते हुए कोई उसके पिताजी का नाम फेरू कहते हुए आवाज लगाया, तब प्रार्थी आवाज सुनकर घर के दरवाजा को खोला, उस समय प्रार्थी का भाई चेतन यादव भी कौन आया है, कहकर दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया। घर के बाहर तीन व्यक्ति खाकी रंग का कपड़ा पहने खड़े थे, जिन्होंने प्रार्थी को बोला कि थानखम्हरिया थाना में सोना चोरी के मामले में चोर को पकड़े है, जिनसे पूछताछ करने पर उसने तुम्हारे भाई चेतन यादव का नाम लिया है, इसलिये चेतन यादव को पूछताछ करने के लिए उसे थाना थानखम्हरिया लेकर जाना है, जिससे पूछपाछ कर एक घण्टे के बाद वापस घर लाकर छोड़ देंगे और प्रार्थी के भाई चेतन यादव को लेकर जाने के संबंध में प्रार्थी को एक हाथ से लिखा हुआ इकरारनामा पत्र दिये, उसके बाद तीनों व्यक्ति उसके भाई चेतन यादव को अपने साथ गांव के हनुमान मंदिर तक पैदल लेकर गये मंदिर के पास से तीनों व्यक्ति में से एक व्यक्ति पहले पैदल चला गया। उसके के पास रखे अपने मोटर सायकिल में दोनों व्यक्ति उसके भाई को बीच में बैठा कर ले गये। रात में दो घण्टे तक चेतन यादव के आने का इंतजार करने के बाद उसके नहीं आने पर प्रार्थी हीरालाल ने अपने बड़े भाई मुकेश यादव व गांव के घनश्याम दाउ के साथ थाना थानखम्हरिया जाकर पता किया कि उसके भाई चेतन यादव को तीन खाकी कपड़ा पहने व्यक्तियों ने उसके घर जाकर पूछताछ करने के लिये लेकर आये हैं, तब पता चला कि चेतन यादव थाना नहीं आया है। उसके बाद उन्होंने ग्राम बरगा में जाकर पता किया, चेतन यादव का वहां भी पता नहीं चला। सुबह तक प्रार्थी का भाई चेतन यादव घर नहीं आया, तब वे थाना थानखम्हरिया में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराये थे। अभियुक्तगणों के द्वारा मृतक चेतन यादव की हत्य कारित करने का आपराधिक पड़यंत्र रचकर रात में उसके घर से उसका अपहरण किया गया और उसे सुतियापाठ के जंगल जिला कवर्धा में ले जाकर उसके सिर में लोहे की रॉड से वार करते हुये गंभीर चोट कारित कर उसकी हत्या कारित किया गया है, और हत्या के साक्ष्य का विलोपन करने के आशय से उसके शरीर में पेट्रोल डालकर आग लगाये जाने से संबंधित अपराध प्रमाणित होना पाया गया।
अभियुक्तगण को भारतीय दण्ड विधान की धारा 120बी. 364/34, 302/34, 201/34 तथा 170 की दोषसिद्धि पर हरीश साहू, विजय गंधर्व, सियाराम सैय्याम, विकास साहू, पवन निर्मलकर एवं जयपाल उर्फ पालू को भारतीय दण्ड विधान की धारा 364/34 की दोषसिद्धि पर 03-03 (तीन-तीन) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित
किया जाता है, तथा उपरोक्त सभी छ: अभियुक्तगणों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 120-बी की दोषसिद्धि पर 05-05 (पांच-पांच) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, तथा उपरोक्त सभी छ: अभियुक्तगणों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 201 की दोषसिद्धि पर 02-02 (दो-दो) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, तथा उपरोक्त सभी छ: अभियुक्तगणों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 302/34 की दोषसिद्धि पर आजीवन कारावास तथा 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, और अभियुक्त विकास साहू को भारतीय दण्ड विधान की धारा 170 की दोषसिद्धि पर 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500/- (पांच सौ) रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। इस विशेष प्रकरण में अभियोजन की ओर से 22 साक्षियों के कथन कराये गये, सत्र प्रकरण में सुवाई किया जाकर संदेह से परे सिद्ध होने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, बेमेतरा के विद्वान पीठासीन अधिकारी, श्री पंकज सिन्हा, न्यायाधीश के द्वारा दिनांक 05.02.2021 को निर्णय पारित कर हरीश साहू, विजय गंधर्व, सियाराम सैय्याम, विकास साहू, पवन निर्मलकर एवं जयपाल उर्फ पालू को भारतीय दण्ड विधान की धारा 364/34 की दोषसिद्धि पर 03-03 (तीन-तीन) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, तथा उपरोक्त सभी छः अभियुक्तगणों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 120-बी की दोषसिद्धि पर 05-05 (पांच-पांच) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, तथा उपरोक्त सभी छ: अभियुक्तगणों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 201 की दोषसिद्धि पर 02-02 (दो-दो) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, तथा उपरोक्त सभी छ: अभियुक्तगणों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 302/34 की दोषसिद्धि पर आजीवन कारावास तथा 500-500/- (पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है, और अभियुक्त विकास साहू को भारतीय दण्ड विधान की धारा 170 की दोषसिद्धि पर 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500/- (पांच सौ) रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इस सत्र प्रकरण में छ.ग.राज्य की ओर से सतीश वर्मा, अतिरिक्त लोक अभियोजक, बेमेतरा ने पैरवी की।