रितिक मेहरा,पत्थलगांव– छठ पर्व को लेकर बड़े स्तर पर भोजपुरी समाज ने तैयारी की और यहां पूरन तालाब,प्रेमनगर नाला सहित अन्य स्थानों पर छठ त्योहार मनाया गया जहां छठ व्रतियों ने अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया ।कल सुबह उदयाचल गामी सूर्य भगवान को जलार्पण किया जाएगा भोजपुरी समाज के भव्य आयोजन में छठ घाट पर विधायक रामपुकार सिंह सहित गौ आयोग सदस्य शेखर त्रिपाठी सहित समस्त आला अधिकारी एवं भोजपुरी समाज के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे । इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने उनका छठ पूजा के गमछे से स्वागत भी किया कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए समिति कई दिनों से लगी हुई थी समिति के सभी सदस्यों ने छठ घाट को आकर्षक बनाने में कोई कसर नही छोड़ा इसके अलावे कार्यक्रम की भव्यता के लिए शहर के मुख्य मार्गों पर छठ पूजा के स्वागत के लिए बैनर पोस्टर लगाए गए वहीं छठ घाट पर साफ सफाई की व्यवस्था भी पूरी की गई जिसमें नगर पंचायत के कर्मचारियों ने भी घाट को बेहतर बनाने में खासी मेहनत की है । वहीं समिति के समस्त पदाधिकारियों ने भी इसमें कोई कसर नही छोड़ी ।
कार्यक्रम की शुरुआत इंदिरा चौक से शुरू हुई जहां सभी व्रती क्रमशः दौरा लेकर पहुंचे और भारी संख्या में बाजे गाजे के साथ समिति के पदाधिकारी पैदल छठ व्रतियों के साथ छठघाट पर धूमधाम से पटाखे फोड़ते हुए पहुंचे इस दौरान डीजे में छठपूजा के गीतों ने जमकर मन मोहा उस दौरान पूरी तरह प्रशासन एसडीएम,टीआई,सहित जिले के एडीएम ,एसएसपी सहित आला अधिकारी भी पूरी तरह मुस्तैद रहे एसडीएम खेस ने पैदल यात्रा में पूरी तरह ट्रैफिक कंट्रोल किया जिसमें समिति के सदस्यों ने भी अहम भूमिका निभाई । यात्रा छठ घाट पर पहुंचने पर बाजे गाजे से स्वागत किया गया इस दौरान पूरे कार्यक्रम में बैंड बाजे बजते रहे एवं पटाखे फूटते रहे । गौरतलब है कि भोजपुरी समाज के गठन के बाद इस बार की छठ पूजा को मनाने बेहतर तैयारी का निर्णय लिया गया था एवं हर व्यवस्था को शानदार करने का निर्णय हुआ था जिसमें नियमानुसार हर व्यवस्था समिति ने की है जिसके बाद इस बार इस पूजा में छटा बरस पड़ी शहरवासियों की भी जमकर घाट पर भीड़ उमड़ी सभी ने भी भगवान सूर्य की पूजा उपासना की ।।
छठ पूजा में भगवान सूर्य देव की आराधना तथा संतान के सुखी जीवन की कामना के लिये समर्पित छठ पूजा हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है।
प्रकट देवता की होती है पूजा —
बनारस के विद्वान डॉ भानुप्रताप मिश्र बताते हैं कि देखा जाए तो हिन्दू धर्म में यह पहली ऐसी पूजा है जिसमें अस्ताचलगामी एवं उदयाचल गामी भगवान सूर्यदेव की पूजा होती है जिन्हें अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाती है जो सामने साक्षात प्रकट देवता हैं जिनकी पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।।
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