मुंगेली

जिला प्रशासन का अनोखा फरमान,इंडोर स्टेडियम में खेलने के लिए प्रवेश शुल्क 2 हजार और मासिक शुल्क 5 सौ देने का जारी किया आदेश,परिषद में नही है कोई जानकारी,आम नागरिकों और खेलप्रेमियों में भारी आक्रोश

मुंगेली/ प्रदेश सरकार द्वारा हमेशा से जन हितैषी कार्य करने का दावा करते रहते है और जनता की समस्याओं का निराकरण करने हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं तो वही दूसरी ओर मुंगेली जिला प्रशासन की करतूतों से राज्य की भूपेश सरकार बदनाम हो रही हैं क्योंकि मुंगेली जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के जनहितैषी कार्यो के विपरीत कार्य किया जा रहा हैं जिसका जीता जागता उदाहरण हम बता रहे हैं।
नगर पालिका द्वारा नवागढ़ रोड में लगभग 2 करोड़ का गार्डन बनाया गया था जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, जिस पर हाइकोर्ट में पीआईएल भी लगाया गया हैं, कोरोना काल की वजह से हाइकोर्ट में गार्डन भ्रष्टाचार मामला लंबित हैं, शासन के द्वारा जारी नए फंड में उस गार्डन को नया रूप दे दिया गया हैं…. इसी गार्डन के सामने ही नगर पालिका ने एक इंडोर स्टेडियम बनाया था, जिसमें खिलाड़ियों, बच्चों और खेलप्रेमियों द्वारा बैडमिंटन खेला जाता हैं, इस स्टेडियम से अभ्यास कर कई बड़े खिलाड़ी भी बन सकते हैं जो देश-दुनिया में अपने राज्य और देश की गरिमा बढ़ा सकते हैं परंतु मुंगेली जिला प्रशासन के तानाशाही रवैये की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर कई खिलाड़ी या बच्चे यहाँ अभ्यास करने से वंचित हो गए हैं क्योंकि इस इंडोर स्टेडियम के सामने में एक सूचना चस्पा कर दिया गया हैं जिसमें स्पष्ट तौर पे उल्लेख किया गया हैं कि बैडमिंटन खेलने के लिए प्रवेश शुल्क के रूप में 2 हजार रुपये देना होगा और उसके बाद हर महीने 500 रुपए देने होंगे, साथ ही इस सूचना में लिखा है कि सिर्फ पंजीकृत व्यक्ति ही प्रवेश करें और एक माह खेलने नहीं आने पर पंजीयन निरस्त किया जाएगा, इसके साथ ही कई शर्तो का भी उल्लेख हैं, अब सवाल यह उठता हैं कि जो आर्थिक रूप से कमजोर है क्या वे बच्चे या खिलाड़ी यहाँ बैडमिंटन खेलने की कल्पना नहीं कर सकते ? वर्तमान में कोरोना संकटकाल की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से बहुतों के रहन-सहन में काफी परिवर्तन देखा गया हैं, बहुतों के रोजमर्रा की जरूरतों में प्रभाव पड़ा हैं जिसके चलते कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके लिए एक-एक रुपया बहुत मायने रखता हैं ऐसे में स्टेडियम में लगाये गए इस तरह के सूचना पत्र से खेल प्रतिभागियों में भारी निराशा के साथ-साथ आक्रोश भी देखा गया, इंडोर स्टेडियम में चस्पा किये इस सूचना पत्र में बकायदा आदेशनुसार कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राज. का उल्लेख हैं जिसके नीचे मुख्य नगर पालिका अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। यह मामला जैसे ही मुंगेलीवासियों के बीच पहुंचा वैसे ही मुंगेलीवासियों में भारी आक्रोश देखा गया, कई नेताओं ने यहां तक कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जारी यह आदेश तानाशाही आदेश हैं जिसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए, सोशल मीडिया में भी इस मामले में जिला प्रशासन का विरोध देखा गया, जानकारी के मुताबिक कुछ नेताओं एवं खेलप्रेमियों द्वारा इस मामले में आंदोलन करने की रणनीति बनाई जा रही हैं अब देखना हैं कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के फरमान पर राजनीतिक दल और जनप्रतिनिधियों का क्या रुख होता हैं ? या जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कोई नया बहाना बनाया जाता हैं ? नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें कोई जानकारी नहीं हैं। अब सवाल उठता हैं कि क्या नगर पालिका के पास इतना भी फंड नहीं कि वो इस इंडोर स्टेडियम का मेंटनेंस कर सके ? हो सकता हैं यह मामला तूल पकड़ते ही उच्चाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दोषारोपण कर सकते, क्योंकि जानकारी के मुताबिक इस स्टेडियम में कर्मचारी हमेशा ड्यूटी में रहते हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेश पाठक
इस मामले में कहना है कि बिना परिषद के अनुमति से इस तरह का आदेश जारी करना नियमविरुद्ध है, नगर पालिका क्षेत्र में जो भी निर्णय लिया जाता है उसके लिए प्रस्ताव पारित करना आवश्यक है।

नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने कहा कि इंडोर स्टेडियम में शुल्क लिए जाने का जो आदेश जारी किया गया है इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नही है, CMO से बात करने के बाद उन्होंने बताया कि कलेक्टर के आदेश के बाद CMO ने इस तरह का आदेश जारी किया है, जो नियम विरुद्ध है।

नगर पालिका के प्रभारी CMO ने बताया कि इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों से शुल्क लेने का निर्णय कलेक्टर के द्वारा लिया गया है, जिसे उनके आदेश से मेरे द्वारा जारी किया गया है।

शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष स्वतंत्र मिश्रा ने कहा कि इस मामले की मुझे जानकारी नहीं हैं अगर ऐसा है तो यह नियम के खिलाफ हैं, और बनाया गया यह नियम गलत हैं, मैं कलेक्टर और CMO से बात करता हूं।

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