नगर में किया गया पर्वतदान का प्रथम आयोजन,केशरवानी परिवार द्वारा अपनी माताजी की 25 वी पुण्यतिथि पर किया आयोजन,क्या होता है पर्वतदान जानिए
मुंगेली/नगर के प्रतिष्ठित केशरवानी परिवार के द्वारा अपनी माता की 25 वी पुण्यतिथि के अवसर पर पर्वत दान का आयोजन नगर के शहीद धनंजय सिंह राजपूत,बी आर साव स्कूल मैदान में किया गया जिसमें भारी संख्या में आम नागरिक मौजूद रहे।इस आयोजन के बारे में केशरवानी परिवार के कृष्णा केशरवानी ने बताया कि मेरी माता स्व विपती बाई केशरवानी के 25 वी पुण्यतिथि के अवसर पर ये आयोजन किया जा रहा है इस आयोजन के माध्यम से मेरे परिवार के द्वारा करीब 301 क्विंटल धान सहित 11 प्रकार के अनाज सहित सोने चाँदी एवँ हीरा व नगद राशि सहित अन्य वस्तुओं का दान किया जा रहा है वही आचार्य अयोध्या प्रसाद तिवारी के द्वारा आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पर्वत दान का पुराणों में अलग महत्व है इस दान को बहुत ही पुण्य प्राप्ति माना गया है जिनके द्वारा भी ये दान किया जाता है उनके परिवार को सभी प्रकार के पुण्यों की प्राप्ति होती है।आचार्य के द्वारा पूरे विधिविधान से पूजा अर्चना किया गया वही आयोजन में उपस्थित लोगों ने बताया कि जिले में इस प्रकार का यह पहला आयोजन है इस आयोजन के बारे में किताबों में जरूर पढ़ें है लेकिन आज प्रथम बार इस आयोजन को प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिल रहा है जिसको लेकर आम नागरिकों में भारी उत्साह है नगर में हो रहे इस आयोजन को देखने के लिए हजारों की संख्या में आम नागरिक मौजूद रहे।वही इस आयोजन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसबल भी तैनात रहे।पूजा अर्चना पश्चात पर्वत को आम नागरिकों को सौंप दिया गया
पर्वत दान के बारे में विस्तार से जानकारी दिया
आचार्य अयोधया प्रसाद तिवारी ने बताया कि पर्वत दान का अर्थ होता है अपने अथाह संपत्ति को दान करना इस दान के माध्यम से चारो फलों की प्राप्ति करना अर्थ,धर्म काम एवँ मोक्ष यदि किसी व्यक्ति के द्वारा अपने पिछले जन्म में कोई पाप किया गया है तो उसके लिए भी पर्वत दान कर उस पाप के नृवित्ति की जाती है इस दान के चलते व्यक्ति को परमधाम की प्राप्ति होती है वही उन्होंने बताया कि पर्वत दान का मतलब होता है कि उसमें विभिन्न प्रकार के वस्तुएं जिसे हम खजाना भी कहते है पाया जाना इस पर्वत दान में 11 प्रकार के अनाज के साथ साथ सोने,चाँदी हीरे जवाहरात,बर्तन,कपड़े एवँ रुपये पैसे भी शामिल हैं मानव जीवन मे 10 महादान किया जाता है वें सभी इसमें शामिल है जिसे पूजा अर्चना पश्चात आम नागरिकों को सौंपा जाता है अर्थात दान किया जाता है