मुंगेली

STATE TODAY|वर्चुअल प्रेसवार्ता:प्रदेश की कांग्रेस सरकार कोरोना मामले रोकने पूरी तरह से विफल,कोरोना से निपटने विधायक मद से दिया 25 लाख रूपये की राशि,कोरोना के इस विकट स्थिति के लिए सिर्फ प्रदेश सरकार जिम्मेदार:पुन्नूलाल मोहले

मुंगेली/प्रदेश में कोरोना मामले में कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता पर क्षेत्रीय विधायक पुन्नूलाल मोहले ने वर्चुअल प्रेस वार्ता लेकर पत्रकारों से बातचीत की । क्षेत्रीय विधायक पुन्नूलाल मोहले ने अपना एक माह का वेतन और विधायक निधि से 25 लाख रुपए क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा,वेंटिलेटर आदि के लिए अतिरिक्त कलेक्टर तीर्थ राज अग्रवाल को प्रदान किए। क्षेत्रीय विधायक पुन्नूलाल मोहले ने पत्रकारों से वर्चुअल बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ कोरोना संक्रमण के मामले में देश में पहले नंबर पर आ गया है,आप सब जानते ही हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना में छत्तीसगढ़ आज भयंकरतम दौर से गुजर रहा है। हालत चिंतनीय है प्रदेश में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 6 लाख पहुंचने वाले हैं रिकवरी रेट 74% पर आ गया है 5000 से अधिक लोग मर चुके हैं रोज सैकड़ों मौतें हो रही हैं । अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि छत्तीसगढ़ में ऐसे बुरे हालात नहीं होते अगर यहां कांग्रेस सरकार ने समय रहते पर्याप्त कदम उठाए होते। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की आपसी गुटबाजी में प्रदेश जल रहा है और सीएम इटली के नीरो की तरह चैन की बंसी बजा रहे हैं। असम के लोगों की मेहमान नवाजी कर रहे हैं । लॉकडॉउन में उन्हें शराब ,बकरा ,मुर्गा खिलाया पिलाया जा रहा है अफसोस नाक बात यह है कि भाजपा द्वारा सुझाव देने पर भी अहंकारी मुख्यमंत्री का अमर्यादित बयान ही सामने आ रहा है ।श्री मोहले ने आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस के कारण इतनी बदतर स्थिति में पहुंच गया है । छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में कितनी गंभीर है इसी बात से समझा जा सकता है कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को इसलिए हड़ताल करना पड़ता है कि छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें घटिया मास्क और पीपीई किट देकर और उसके डिस्पोजल की पर्याप्त व्यवस्था ना कर संक्रमण के खाई में धकेल रही है ।

कांग्रेस ने भारतीय टीके को बदनाम करने का पाप किया है। कांग्रेस टीके को लेकर भ्रम ना फैलती और अड़ंगे ना लगाती तो छत्तीसगढ़ में टीकाकरण पूरा हो गया होता । प्रदेश में हालात इस हद तक बदतर होने का कारण कांग्रेस सरकार का वैक्सीन को लेकर लगातार किया गया घटिया राजनीति भी रहा है । रंजीत जोगन दुर्भावना से ग्रस्त और मोदी फोबिया से पीड़ित कांग्रेस ने वैक्सीन पर सवाल उठा कर ना सिर्फ लोगों के बीच भ्रम फैलाया बल्कि देश के महान वैज्ञानिकों का भी अपमान किया । जिस तरह राजनीतिक दुराग्रह के कारण टीके पर इन्होंने स्तरहीन कवायद की वह तो मानवता के विरुद्ध अपराध के रूप में जाना जाएगा । जब प्रदेश का एक-एक क्षण कीमती है उन्होंने लगभग डेढ़ माह का समय चिट्ठी बाजी में बर्बाद कर दिया। अन्ततः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी को कहना पड़ा कि अब प्रदेश की बदनसीबी है अगर कोई अन्य देश होता तो मुख्यमंत्री बघेल पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो गया होता । आखिर इन तमाम मौतों का जिम्मेदार इन्हें क्यों नहीं बताया जाए । अगर उस समय प्रदेश में आये टीके को राजनीतिक दुर्भावना बस रोका नहीं गया होता ,जिस टीके के लिए भारत की दुनिया भर में तारीफ हो रही है उसे बदनाम नहीं किया गया होता तो आज ऐसी भयावह स्थिति निर्मित नहीं होती अभी शायद टीकाकरण की प्रक्रिया छत्तीसगढ़ में पूर्णता की ओर पहुंच चुकी होती ।
कांग्रेसी टीका विरोध करते रहे अब जब टीकाकरण शुरू कर दिया गया है तो कांग्रेसी विधायकों के जन्मदिन पर बड़ी बड़ी पार्टी आयोजित की गई। एक विधायक ने पात्रता नहीं होते हुए भी टीका लगवाया ऐसे कई कांग्रेसी नेता बिना पात्रता टीका लगवा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में तुष्टीकरण और हठधर्मिता के कारण बदहाली है मुख्यमंत्री बघेल नीरो की तरह चैन की बंसी बजाते रहे और प्रदेश इटली की तरह जलता रहा। आज वेंटिलेटर ऑक्सीजन बेड ,कोरोना की अति आवश्यक दवाइयों की कमी और अव्यवस्था के चलते छत्तीसगढ़ की जनता को अपनी जान गवानी नहीं पड़ती । इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के बदले कांग्रेस सरकार क्रिकेट के खेल में लगी थी ,जनता को मरता छोड़ मुख्यमंत्री असम में व्यस्त थे अपराधिक गैर जिम्मेदारी का चरम तब देखने में आया जब स्टेडियम खाली हो रहे थे तो सरकार गांव गांव में मुफ्त पास भेज कर लोगों को बुला रही थी इस तरह प्रयास पूर्वक कांग्रेसी ने गांव-गांव तक पहुंचाया कोरोना को। प्रदेश को पॉलिसी पैरालिसिस के हाल में छोड़ खुद सीएम असम चुनाव में मशगूल रहे । विधायक पुन्नूलाल मोहले ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि रेमडेेसिविर इंजेक्शन की कमी, कालाबाजारी अक्षमता और भ्रष्टाचार छत्तीसगढ़ में चरम पर है ।छत्तीसगढ़ सरकार इतने संवेदनहीन हो चुकी है कि लगातार प्रदेश में इंजेक्शन की कमी और कालाबाजारी हो रही है परंतु प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री इस विषय पर मौन है और ना ही कोई ठोस कदम उठा रहे हैं अब जब प्रदेश सरकार को प्रदेश की बिगड़ती हालत पर त्वरित निर्णय करना चाहिए ,स्वास्थ सुविधाओं को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए छत्तीसगढ़ की जनता की चिंता करनी चाहिए तब छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री जी असम से आए बोडो प्रत्याशियों को शराब परोसने उनके बकराबाद की व्यवस्था में लगे है ।शराब की हर बोतल पर ₹20 का कोरोना टैक्स वसूली किया गया था उस शेष का 400 करोड़ रुपए और डीएमएफ फंड में जमा ₹800 को छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि कितना पैसा खर्च किया गया। क्या असम चुनाव में खर्च कर दिए गए उन पैसों का कोई हिसाब नहीं है ,कैंपा फंड का भी दुरुपयोग किया गया । लॉक डाउन का लाभ उठाकर भूपेश बघेल सरकार आदिवासियों की जमीन हड़प लेना चाहते हैं प्रदेश में 22 जवान शहीद हुए तब सीएम असम के होटल में बस्तर के सांसद के साथ भोज और आंनन्द में व्यस्त थे । फिर उसी बस्तर में सैकड़ों आदिवासी जनता पर मुकदमा काफी फुर्ती से कर दिया गया क्योंकि वह लोग जमीन हड़पने का विरोध कर रहे थे । मुख्यमंत्री केंद्र से कोरोना पर कार्रवाई का अधिकार मांग रहे थे जब केंद्र ने इन्हें पूरा अधिकार दिया हुआ है तब भाजपा सरकार पर आरोप मढ़ रहे । कोरोना प्रारंभिक काल में जब केंद्र सरकार निर्णय ले कर रही थी इसलिए पूर्ण रूप से कंट्रोल में थी तब सीएम भूपेश बघेल लगातार राजनीति करते रहे सवाल उठाते रहे और कोरोना से निपटने का अधिकार मांगते रहे और जब सारे अधिकार बघेल जी को दे दिए गए तो छत्तीसगढ़ में भयावह स्थिति निर्मित हो गई , अब भी केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं अधिकार मांगने वाले भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट में पूर्ण रूप से विफल हो चुकी है ।
राजनीतिक दुर्भावना के चलते केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को लटकाने वाले आयुष्मान को बदनाम करने वाले स्मार्ट कार्ड बंद करने वाली कांग्रेस अब गरीब जनता को भगवान भरोसे छोड़ चुकी है। अंतिम संस्कार भी कर पाना कठिन। कोरोना से मृत शरीर के साथ भी बर्बरता का चरम हो रहा है ।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में विपदा की इस घड़ी में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगातार सक्रिय है हर स्तर पर कोशिश जारी है भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि, विधायक ,सांसद अपने अपने क्षेत्र में लगातार जनता को हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के सभी विधायक अपने 1 माह का वेतन जिला सरकारी कोष में जमा कराने के साथ अपनी विधायक निधि से 25 लाख रुपए विधानसभा क्षेत्र में दे रहे हैं । पार्टी के सभी सांसद भी अपने निधि से क्षेत्र में लगातार सहायता कर रहे हैं बिलासपुर सांसद अरुण साव ने 11 लाख रुपए दी है । विधायक पुन्नूलाल मोहले ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को बताना चाहिए बीते 1 वर्ष में कोविड-19 की दृष्टि से उसने क्या-क्या तैयारी है कि कितने वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई या फिर सिर्फ केंद्र द्वारा भेजे गए वेंटिलेटर पर ही निर्भर रहते हुए केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ने का काम किया गया जिस प्रदेश में वेंटिलेटर या बेड की तो छोड़िए अब तो मजबूरी में शव रखने और मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए जगह का कम हो गया है। यहाँ के सीएम अपने प्रदेश की कथित उपलब्धियों की देंगे असम में जाकर हाक रहे थे क्या कहा जाए इसे ।कांग्रेस की इन तमाम अकर्मण्यता के खिलाफ भाजपा के कार्यकर्ता गण पूरे प्रदेश में कोई गाइडलाइन का पालन करते हुए 24 अप्रैल को अपने-अपने घरों के बाहर धरने पर बैठेंगे स्वास्थ्य व उनकी कमियों और भूपेश करके सफलता को जनता के बीच ले जाने के लिए यही एक उपाय बचा है। वर्चुअल प्रेसवार्ता में जिला भाजपा प्रभारी शंकर अग्रवाल, जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेश पाठक,गिरीश शुक्ला, सुनील पाठक,राणा प्रताप सिंह,कोटू दादवानी,प्रदीप पाण्डेय, मुकेश रोहरा,अमितेष आर्य,सौरभ बाजपेयी उपस्थित रहे ।

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