शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर,आज से 30 फीसदी तक विदेशी शराब हो जाएगी सस्ती,49 बीयर बारों में लग जाएंगे ताले,जानिए सरकार के आबकारी नीति पर क्या कहना है विपक्ष का
रायपुर/1 अप्रैल से छत्तीसगढ़ में लोगों को सस्ती विदेशी शराब मिलेगी. सरकार की नई आबकारी नीति आज से प्रभावी हो जाएगी जिसमें विदेशी शराब की कीमत 30 फीसदी तक कम हो जाएगी. इसके लिए सरकार ने शराब पर लगने वाली ड्यूटी को कम करने का फैसला लिया गया है. इसके पीछे दलील ये दी जा रही है कि दूसरे प्रदेशों से आने वाली सस्ती अवैध शराब की तस्करी को रोका जाएगा. हालांकि इसके अलावा प्रदेश में 49 बीयर बार को बंद करने का भी फैसला लिया गया है. लेकिन एक भी शराब दुकान ना बंद की जाएगी और ना ही नए शराब दुकान खोले जाएंगे.
साथ ही प्रति व्यक्ति शराब रखने की लिमिट भी बढ़ाकर 5 लीटर तय कर दी गयी है. एक्साइज़ एक्सपर्ट उचित शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में शराब अन्य प्रदेशों से महंगी है. ऐसे में आबकारी विभाग केवल उन्ही शराब की कीमतों को कम कर रहा है जिनकी तस्करी सबसे ज्यादा होती है और जिसका उपयोग एलिड क्लास के लोग करते हैं. उनका कहना है कि इस फैसले से आम लोगों को कोई राहत मिलेगी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
सरकार की इस आबकारी नीति को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि सरकार को सिर्फ पैसे कमाने की चिंता है. सरकार का रेवेन्यू कम हो रहा है लेकिन शराब ज्यादा बिक रही है. सरकारी संरक्षण में अवैध शराब आ रही है. अवैध कमाई हो रही है. शराब की दुकानें कम करना चाहिए. शराब की बिक्री कम करना चाहिए शराबबंदी का वादा निभाना चाहिए उस दिशा में कदम नहीं बढ़ा पा रही है. वहीं बीजेपी नेता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की जनता को छलने का काम किया है,शराबबंदी के वादे से सरकार में आई कांग्रेस अब न शराब दुकानें बंद कर रही है और शराब रखने की लिमिट भी 5 लीटर तय कर रही है. शराबबंदी के वादा दिखावा था.
मंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान
प्रदेश में कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने वाले वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस फैसले को एक्साइज विभाग का फैसला बताकर पल्ला झाड़ लिया. हांलाकि घोषणा पत्र में शराबबंदी की बात स्वीकार करते हुए इस फैसले के भविष्य को देखने की बात कह रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि सरकार ने पिछले 2 सालों में 70 से ज्यादा दुकानें बंद करने का काम किया है. प्रदेश सरकार शराबबंदी की ओर बढ़ रही है लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान किए गए शराब के सरकारीकरण की वजह से इसमें रोड़ा अटकता है.