RBRA में बदलाव नहीं:बैंक कर्मचारियों की ग्रेच्यूटी में अब DA नहीं जुड़ेगा; CG हाईकोर्ट ने कहा- कर्मचारी के हित सोचकर प्रावधान में बदलाव नहीं कर सकते
बिलासपुर/छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि रिटायर्ड बैंक कर्मचारियों की ग्रेच्युटी में अब DA नहीं जुड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि ग्रामीण बैंक रेगुलेशन एक्ट (RBRA) के तहत जो प्रावधान में नहीं, उसे नहीं जोड़ा जा सकता है। कर्मचारी का हित सोचकर प्रावधान में बदलाव नहीं कर सकते हैं। वह जैसा लिखा है, वैसा ही समझा जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर लेबर कोर्ट और सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी थी।
ग्रामीण बैंक ने अधिवक्ता किशोर भादुड़ी और सव्यसांची भादुड़ी के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रस्तुत याचिका में बताया कि लेबर कोर्ट के फैसले को एकलपीठ ने सही ठहराया है] जो गलत है। बैंक की ओर से तर्क था कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से रिटायर्ड हुए कर्मचारियों की पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट और CGRBRA 2013 के अंदर ग्रेच्युटी निर्धारित की जाती है। जब ग्रेच्युटी एक्ट के तहत वेतन था, तब 10 लाख अधिकतम ग्रेच्युटी देने का प्रावधान था। इसमें DA भी जुड़ता था।
RBRA के नए नियमों में DA जोड़ने का प्रावधान नहीं
बैंक की ओर से तर्क दिया गया कि जब ग्रामीण बैंक रेगुलेशन एक्ट (RBRA) आया तो उसमें DA जोड़ने का प्रावधान नहीं किया गया। इस पर कर्मचारियों ने लेबर कोर्ट में केस दायर किया। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया। इस पर बैंक ने हाईकोर्ट की एकलपीठ में चुनौती देते हुए रिट पीटिशन लेबर दायर की। एकलपीठ ने भी लेबर कोर्ट के फैसले को सही ठहराया। इसको चुनौती देने पर मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगल खंडपीठ में हुई।
कोर्ट ने कहा– हम बैंक को नुकसान नहीं पहुंचा सकते, यह गंभीर मामला
कोर्ट ने कहा, ग्रेच्युटी जोड़ते समय DA इसका हिस्सा नहीं होगा। RBRA में साफ लिखा है कि DA नहीं जुड़ना है, तो नहीं जोड़ा जाएगा। कर्मचारी के हित में सोचकर हम उसके प्रभाव को नहीं बदल सकते। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बैंक को नुकसान नहीं पहुंचा सकते, यह गंभीर मामला है। कर्मचारियों की ओर से मध्यप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट के फैसले का भी उल्लेख किया गया, जिसे हाईकोर्ट ने दरकिनार कर दिया।