मुंगेली

STATE TODAY|श्रद्धांजलि:करुणा शुक्ला एक ऐसा नाम जो सभी को रिश्तों के बंधन में बांध लेती थी,मानव सेवा में पूरा जीवन किया समर्पित

मुंगेली/देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटलविहारी बाजपेयी की भतीजी और प्रदेश की विदुषी महिला राजनेत्री स्वर्गीय श्रीमती करुणा शुक्ला का मुंगेली से गहरा नाता रहा है। वे मुंगेली की बहू के रूप में भी जानी जाती रही हैं।

दरअसल स्वर्गीय श्रीमती करुणा शुक्ला का विवाह मुंगेली के प्रतिष्ठित शुक्ल परिवार में हुआ था। श्रीमती शुक्ला 31 जनवरी 1971 को डॉक्टर माधव शुक्ला के साथ परिणय सूत्र में बंधकर मुंगेली आई थीं। मुंगेली के बड़े बुजुर्ग उन्हें बहु तो युवा वर्ग उन्हें भाभी कह के सम्बोधन से पुकारता था।

डॉक्टर माधव शुक्ला बलौदाबाजार में सेवारत थे। अपने खास व्यक्तित्व और हर एक के प्रति अप्रतिम सहृदयता के चलते डॉक्टर माधव शुक्ला बलौदा बाजार अंचल में चाचाजी के सम्बोधन से पुकारे जाते थे। श्रीमती करुणा शुक्ल का व्यवहार भी सबके साथ बेहद आत्मीय और पारिवारिक था। यही वजह है कि वे पूरे बलौदा और रायपुर क्षेत्र में चाचीजी कहती थीं। वे बलौदाबाजार से 1993 में विधायक रहीं तो उनका सम्पर्क और व्यापक हुआ। बाद में वे जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गयीं। जांजगीर कोरबा में उन्हें एक नया सम्बोधन मिला,वह था- दीदीजी! हर आम और खास उन्हें दीदीजी कहकर ही सम्बोधित करते थे। यह वास्तव में अद्भुत है। ऐसा व्यक्तित्व लाखों में कोई एक ही होता है,जिसका पूरा जीवन रिश्तों में रसा बसा हो।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को दी थी कड़ी टक्कर

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने करुणा शुक्ला को पूर्व सीएम रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनाव में भले ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन पूर्व सीएम को उन्होंने कड़ा मुकाबला दिया. भाजपा से करीब तीस साल तक जुड़े रहने के बाद वे 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गई. भाजपा नेता के तौर पर उन्होंने 2004 में जांजगीर से लोकसभा चुनाव जीता लेकिन 2009 में वह कोरबा से हार गईं.

सोमवार और मंगलवार (26-27 अप्रेल 2021) की दरम्यानी रात उन्होंने सभी सांसारिक बन्धन तोड़ दिए। लेकिन उन्होंने पूरी जिन्दगी जिन रिश्तों का ताना बाना बुना, वे आज भी जीवन्त हैं। वे चाहकर भी इन रिश्तों के बन्धन से कभी मुक्त नहीं हो सकतीं। STATE TODAY परिवार की सादर श्रद्धांजलि।

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