छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार हो सकती है धीमी,जानिए क्या है वजह
रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार एक बार फिर धीमी हो सकती है. वजह यह है कि अभी राज्य में केवल पांच दिनों का स्टॉक बचा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी कोविशिल्ड का महज चार से पांच दिनों का स्टॉक बचा है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में केवल चार लाख टीके बचे हैं. वहीं कोवैक्सीन की भी केवल 31 हजार के करीब डोज ही स्टॉक में है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इतनी डोज से केवल एक हफ्ते तक टीकाकरण का कार्यक्रम जारी रखा जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्रियों को नए टीकाकरण के लिए सेंटर बनाने कहा था
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्यों में कोरोना टीकाकरण बढ़ाने के लिए नए सेंटर बनाने को कहा था. इधर, राज्य में अभी सेंटर बढ़ाने की तैयारी रोक दी गई है, क्योंकि टीके ही खत्म हो रहे हैं. राज्य टीकाकरण अधिकारी अमर सिंह ठाकुर के मुताबिक प्रदेश में अभी करीब 1400 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन लगाई जा रही है.
श्री ठाकुर ने बताया कि इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से केंद्र को पांच दिन पहले 12 लाख टीकों की डिमांड भेजी गई थी. इस साल जनवरी की शुरुआत से अब तक प्रदेश को करीब 16 लाख कोविशील्ड और 72 हजार से ज्यादा कोवैक्सीन मिल चुके हैं. इस हफ्ते से एक लाख टीके लगाने का नया टारगेट भी स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है. इसलिए देखा जाए तो प्रदेश में अब दोनों तरह के टीकों के चार लाख 64 हजार टीके के डोज केवल तीन से चार दिन ही चल पाएंगे. हालांकि राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ.अमर सिंह ठाकुर का कहना है कि 25 मार्च तक पांच लाख 26 हजार टीके मिल जाएंगे. हालांकि 12 लाख की मांग के अनुपात में यह कम ही है.
60 साल से बड़ी उम्र के लोगों को 3 लाख टीके लगे
छत्तीसगढ़ में अभी तक करीब तीन लाख लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं, जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है. राज्य में करीब तीन करोड़ लोगों को टीके लगने हैं, लेकिन अब तक कुल 3.5 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लगाई जा सकी है. टीकों की दोनों खुराक के लिए जो संख्या प्रदेश को चाहिए, वो 69.46 लाख के आसपास है. इसमें से अभी तक प्रदेश को 16.72 लाख टीके ही मिले हैं. जाहिर है कि 52.74 लाख टीके कम मिल रहे हैं. ऐसे में 12 लाख टीकों की सप्लाई जल्द नहीं होगी, तो वैक्सीनेशन रुक भी सकता है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिन जिलों में टीकों की रफ्तार बेहद धीमी है, वहां वैक्सीन भेजी जा रही है.