दरकते दीवारों के बीच अपने जान को जोखिम में डालकर बचा रहे जिंदगी,ये कोई घटना स्थल का नही बल्कि बालोद जिले के एक ब्लाक मुख्यालय के सरकारी अस्पताल है,
दरकते दीवारों के बीच अपने जान को जोखिम में डालकर बचा रहे जिंदगी..ये कोई घटना स्थल का नही बल्कि बालोद जिले के एक ब्लाक मुख्यालय के सरकारी अस्पताल है….
बालोद (रोहित चंदेल)-बालोद जिले के गुरुर तहसील मुख्यालय का एक मात्र सरकारी अस्पताल जो जर्जर व खपरैलयुक्त भवन में संचालित हो रहा है, भवन में लगा कवेलू जर्जर होने से समय-समय मे गिर रहा है ऐसे में यंहा नया भवन बनाना जरूरी हो गया है, वर्तमान में यंहा प्रबंधन द्वारा त्रिपाल(प्लास्टिक) डालकर काम चलाया जा रहा है इसके बाद भी बारिश का पानी नीचे टपकता है,
जानकारी के मुताबिक 1964-65 में उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया है जो वर्तमान में जर्जर होने से यंहा मरीजो, परिजनों के अलावा डॉक्टरो की परेशानी बढ़ती जा रही है, भवन में जगह-जगह दरार पड़ने से भी यंहा अनहोनी की आशंका बढ़ गई है,बावजूद इसके खुद डॉक्टरों की टीम अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजो की जान बचा रहे है
गुरुर तहसील मुख्यालय का एक मात्र सरकारी अस्पताल भवन जो कि काफी जर्जर है ऐसे में हर यंहा साल बारिश के दिनों में नीचे पानी गिरता है, ऐसे भवन में मरीजो का उपचार होता है। भवन इतना जर्जर है कि ऊपर सूर्य की किरणें नीचे बरामदे में आता है
ओपीडी, बीएमओ कक्ष, दवाई भंडारण कक्ष में टपकता है पानी,
लगभग 55 साल पुराने इस भवन में बीएमओ कक्ष, ओपीडी, दवाई भंडारण, 3 चिकित्सको का रूम, लैब, एक्सरे रुम सहित अन्य कक्ष संचालित है लेकिन ऊपर कवेलू जर्जर होने से मरीजो, डॉक्टरो को हर पल अनहोनी की चिंता सताती है,
बता दे कि यह स्वास्थ्य केंद्र गुरुर तहसील का एकमात्र सरकारी अस्पताल है जंहा प्रतिदिन 150 से अधिक लोग इलाज कराने व अन्य करणो से पहुचते है लेकिन मरीजो को बैठने के लिए सुविधाजनक स्थान नही मिलता, बारिश होने पर सब लोग एक किनारे में रहकर बारिश से स्वयं का बचाव करते है, कई बार सफाई व अन्य कार्य होने के बाद भी जर्जर भवन के कारण यंहा अव्यवस्था जैसा नजारा लगता है,
अहाता नही होने से असुरक्षित महसूस करते है
नेशनल हाइवे 930 से लगा हुआ है इस अस्पताल में अहाता नही होने से डॉक्टर, मरीज व अन्य स्टाफ अपने आप को असुरक्षित महसूस करते है, कई बार यंहा रात्रि में शराबी प्रवित्ति के लोग उत्पात मचा चुके है ऐसे में यंहा अहाता का भी निर्माण करना जरूरी हो गया है, वही अहाता नही होने से यंहा इलाज कराने पहुँचे मरीजो, परिजनों के अलावा डॉक्टरो का भी वाहन दिनभर असुरक्षित खुले स्थान में रहते है,
मामले में बीएमओ डॉ जीआर रावटे ने कहा कि नया भवन बनाने के लिए शासन प्रशासन को पत्र लिखा गया है, फिलहाल अन्य भवन नही होने से इसी भवन में अस्पताल संचालित है